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    Chandrayaan 3 Landing: विक्रम लैंडर थोड़ी कठिन लैंडिंग भी संभाल सकता है: ISRO के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 10:03 AM (IST)

    अब तक मिले अपडेट के मुताबिक मिशन अपने निर्धारित समय पर ही पूरा होगा। इसरो ने बताया है कि 23 अगस्त यानी आज शाम 06 बजकर 04 मिनट पर विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। सभी को लैंडर के सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार है। इसी बीच इसरो के पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने बताया है कि विक्रम लैंडर थोड़ी कठिन लैंडिंग भी संभाल सकता है।

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    थोड़ी कठीन लैंडिंग संभालने में सक्षम विक्रम लैंडर

    नई दिल्ली, एजेंसी। बस कुछ घंटों का इंतजार है और फिर भारत एक नया इतिहास रच देगा। दरअसल, इसरो की ओर से बताए गए समय अनुसार 23 अगस्त को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतर जाएगा।

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    'रफ लैंडिंग में भी सक्षम'

    चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान के सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, वहीं, इसरो के पूर्व सलाहकार ने बताया है कि यान 'रफ लैंडिंग' करने में भी पूरी तरह से सक्षम है। इसरो के पूर्व सलाहकार डॉ. सुरेंद्र पाल ने मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उपयुक्त लैंडिंग क्षेत्र उपलब्ध नहीं होने पर लैंडर हेलीकॉप्टर की तरह मंडराता रहेगा।

    बढ़ाया गया लैंडिंग क्षेत्र

    सैटेलाइट नेविगेशन प्रोग्राम के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार पाल ने कहा, "चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काफी सारे पत्थर है और वह काफी उबड़-खाबड़ है। इसको देखते हुए लैंडिंग के 2.5 किलोमीटर के क्षेत्र को बढ़ाकर 4 किलोमीटर कर दिया गया है।" साथ ही, उन्होंने बताया कि अगर 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाती है, तो विक्रम लैंडर 27 अगस्त को लैंड करेगा।

    उन्होंने बताया, "अगर यान के दो थ्रस्ट भी काम करते रहेंगे, तो लैंडिंग संभव है और इसके लिए काफी सारे बदलाव भी किए जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, हर तरीके से बदलाव कर चंद्रयान -3 मिशन (Chandrayaan 3 Mission) को सफल बनाने के प्रयास जारी हैं।"

    तस्वीरों की तुलना करने के बाद तय होगा लैंडिंग स्थल

    वरिष्ठ सलाहकार ने बताया, "पूरे चंद्रमा को ऑर्बिटर 2 से कैमरों का उपयोग करके मैप किया गया है, ताकि चांद के सतह का पता लगाया जा सके। जो भी तस्वीरें ली गई हैं, उनकी तुलना यह पता लगाने के लिए जाएगी कि आखिर लैंडिंग के लिए सबसे उपयुक्त स्थल कौन-सा हो सकता है।"

    थोड़ी कठिन लैंडिंग करने में भी सक्षम

    इसरो के पूर्व सलाहकार ने कहा, "सॉफ्ट लैंडिंग का मतलब है कि लैंडर के पैर 3 मीटर प्रति सेकंड से अधिक प्रभाव को सहन कर सकते हैं। यहां तक कि अगर लैंडर का एक पैर ढलान पर उतरता है, तो भी यह एक स्थिर लैंडिंग होगी। हालांकि, यान थोड़ी कठिन लैंडिंग को भी संभालने में सक्षम है।"

    निर्धारित समय पर लैंडिंग

    इससे पहले दिन में इसरो ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर)  पर 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गई चांद की तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें कहा था कि मिशन निर्धारित समय पर ही है। उन्होंने कहा, "मिशन निर्धारित समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है। मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है!"