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    Chandrayaan-3: अंतरिक्ष उद्योग में भारत की बढ़ेगी धमक, चांद से आगे की खोज के लिए प्रोत्साहित होंगे उद्यमी

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 01:13 AM (IST)

    इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आइएसपीए) के महानिदेशक ले. जेनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) का कहना है कि यह सफलता बताती है कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग कितना क्षमतावान है। यह अंतरिक्ष सेक्टर में निजी क्षेत्र को भी काफी बढ़ावा देगा। यह भारतीय अंतरिक्ष उद्यमियों को अब चांद से आगे की अंतरिक्ष की खोज के लिए प्रोत्साहित क रेगा। निजी सेक्टर की भूमिका बढ़ने से अंतरिक्ष यात्रा व उसके वाणिज्यकरण को बढ़ावा देगा।

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    भारत में अंतरिक्ष सेक्टर में अभी 140 स्टार्ट अप हैं और इनमें निवेश के लिए नई रुचि बढ़ेगी:कोचर

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चंद्रयान-3 ने चांद पर सफलतापूर्वक अपना अभियान पूरा करके वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में भारत की धाक को और मजबूत कर दिया है। उद्योग जगत के लोग बताते हैं कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग अब पहले से भी ज्यादा वैश्विक ध्यान आकर्षित करेगा।

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    चांद से आगे की अंतरिक्ष की खोज के लिए प्रोत्साहित होंगे उद्यमी

    इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आइएसपीए) के महानिदेशक ले. जेनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) का कहना है कि यह सफलता बताती है कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग कितना क्षमतावान है। यह अंतरिक्ष सेक्टर में निजी क्षेत्र को भी काफी बढ़ावा देगा। यह भारतीय अंतरिक्ष उद्यमियों को अब चांद से आगे की अंतरिक्ष की खोज के लिए प्रोत्साहित क रेगा। निजी सेक्टर की भूमिका बढ़ने से अंतरिक्ष यात्रा व उसके वाणिज्यकरण को बढ़ावा देगा।

    2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर की होगी अंतरिक्ष इकोनोमी

    मैकेंजी की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2030 तक वैश्विक अंतरिक्ष इकोनोमी का आकार एक लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। बैंक ऑफ अमेरिका व कुछ दूसरी एजेंसियों की रिपोर्ट भी बताती है कि आने वाले समय में किसी देश के विकास को काफी हद तक अंतरिक्ष क्षेत्र में उसकी प्रगति प्रभावित करने वाली है।

    10 फीसद तक हो सकती है वैश्विक अंतरिक्ष इकोनोमी में भारत की हिस्‍सेदारी

    एयूएम कैप्टिल के नेशनल हेड (वेल्थ मैनेजमेंट) मुकेश कोचर ने कहा है कि, अभी भारत वैश्विक अंतरिक्ष इकोनोमी में सिर्फ 2-3 फीसद की हिस्सेदारी रखता है लेकिन इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद अगले एक दशक में भारत की हिस्सेदारी बढ़ कर 10 फीसद तक हो सकती है। भारत में काफी कम लागत में अंतरिक्ष में सैटेलाइट प्रक्षेपित कर सकता है। इससे भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

    दोगुनी गति से आगे बढ़ रहा भारत का अंतरिक्ष उद्योग

    कोचर बताते हैं कि भारत में अंतरिक्ष सेक्टर में अभी 140 स्टार्ट अप हैं और इनमें निवेश के लिए नई रुचि बढ़ेगी। साथ ही सरकार की तरफ से भी अब अंतरिक्ष सेक्टर को बढ़ाया जाएगा जिससे पूरी इकोनोमी को फायदा होगा। भारत का अंतरिक्ष उद्योग का आकार अभी 10 अरब डॉलर का बताया जाता है और यह दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले दोगुनी गति से आगे बढ़ रहा है।

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