Chandrayaan-3: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी जमीन से कर रही लैंडर की निगरानी, तीन स्टेशन से ESA रखे हुए है नजर
इसरो के विज्ञानियों के अलावा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अधिकारी भी चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल की निगरानी कर रहे हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सेवा प्रबंधक एवं इसरो के संपर्क अधिकारी रमेश चेल्लातुरई ने कहा कि ईएसए कोरोना महामारी के समय से ही चंद्रयान-3 के लिए मदद उपलब्ध करा रही है। उन्होंन कहा कि अभी ये स्टेशन चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल की निगरानी कर रहे हैं।

चेन्नई, पीटाआई। इसरो के विज्ञानियों के अलावा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अधिकारी भी चंद्रयान-3 मिशन के 'लैंडर मॉड्यूल' की निगरानी कर रहे हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सेवा प्रबंधक एवं इसरो के संपर्क अधिकारी रमेश चेल्लातुरई ने कहा कि ईएसए कोरोना महामारी के समय से ही चंद्रयान-3 के लिए मदद उपलब्ध करा रही है।
ईएसए चंद्रयान-3 के लैंडर की कर रही है निगरानी
चेल्लातुरई ने एक संक्षिप्त वीडियो में कहा कि मैं जर्मनी में यूरोपियन स्पेस एजेंसी आपरेशंस सेंटर में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि ईएसए चंद्रयान-3 मिशन को कौउरोउ (फ्रेंच गुयाना), गूनहिली (ब्रिटेन) और न्यू नार्सिया (पश्चिमी आस्ट्रेलिया) स्थित अपने तीन स्टेशनों से मदद मुहैया कर रही है।
तीन स्टेशन से ईएसए कर रहा लैंडर माड्यूल की निगरानी
उन्होंन कहा कि अभी ये स्टेशन चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल की निगरानी कर रहे हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि उसकी टीम ने कोरोना महामारी के समय मिलकर काम करना शुरू किया था। दोनों एजेंसियों ने मिलकर योजना से जुड़ी चुनौतियों का समाधान किया।
अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने दी इसरो को बधाई
मालूम हो कि अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने बुधवार को चंद्रमा पर चंद्र मिशन की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई दी और इसरो की इस उपलब्धि को अंतरिक्ष इतिहास में एक अतुल्य क्षण करार दिया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इससे कुछ दिन पहले रूस का मानवरहित लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित होकर चंद्रमा पर गिर गया था।
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