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    चंद्रबाबू का मेगा प्लान: अमरावती में बनेगा तिरुमाला जैसा भव्य वेंकटेश्वर मंदिर, 260 करोड़ से ढाई साल में होगा तैयार

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 10:14 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के विस्तार की आधारशिला रखी। तिरुमाला मंदिर की तर्ज पर 260 करोड़ रुपये से बनने वाले इस मंदिर को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य है। पहले चरण में 140 करोड़ और दूसरे चरण में 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

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    अमरावती में बनेगा तिरुमाला जैसा भव्य मंदिर (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अमरावली के वेंकटपालेम में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के विस्तार की आधारशिला रखी। तिरुमाला मंदिर की तर्ज पर 260 करोड़ रुपये मंदिर का विस्तार किया जाएगा। इस मंदिर को सिर्फ ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    दरअसल, गुरुवार को, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में वेंकट पालम वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के एक बड़े विस्तार की आधारशिला रखी। तिरुमाला की तर्ज पर बनने वाले इस मंदिर को सिर्फ ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 140 करोड़ और दूसरे चरण में 120 करोड़ खर्च होंगे। इसमें सात मंजिला राजगोपुरम, पुष्करिणी, अन्नदानम परिसर, विश्राम गृह और बड़ी पार्किंग जैसी सुविधाएं बनाई जाएंगी।

    मुख्यमंत्री ने तिरुमाला मंदिर की तर्ज पर मंदिर के विकास की राज्य सरकार की योजना की घोषणा की और परियोजना को पूरा करने के लिए ढाई साल की समय सीमा तय की। इस दौरान चंद्रबाबू ने भावुक अंदाज में कहा, “भगवान वेंकटेश्वर की कृपा से ही अमरावती राजधानी बनी और अब यही आध्यात्मिक राजधानी भी बनेगी।”

    भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद

    सीएम नायडू ने कहा कि अमरावती देवताओं की राजधानी है और यह हमारी राजधानी भी रहेगी। भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से, हमने 2019 में कृष्णा नदी के किनारे 25 एकड़ जमीन आवंटित करते हुए इस मंदिर का निर्माण शुरू किया था। यहां तक कि राजधानी का नाम अमरावती रखना भी भगवान की कृपा से ही संभव हुआ।

    पहले चरण में होंगे ये काम

    मंदिर का निर्माण दो चरणों में होना है, पहले चरण के लिए 92 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, साथ ही तत्काल निर्माण गतिविधियों के लिए अतिरिक्त 48 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पहले चरण में मंदिर प्राकर्म (परिसर की दीवार), सात मंजिला महा राजगोपुरम (मुख्य मीनार), और अर्जित सेवा, अडाला, वाहन और रथ मंडप जैसे विभिन्न भक्ति मंडपों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में ही एक नया अंजनेय स्वामी मंदिर, पुष्करिणी (मंदिर का तालाब), और तराशे हुए पत्थरों से फर्श का निर्माण भी किया जाएगा।

    दूसरे चरण में बुनियादी ढांचों पर फोकस

    वहीं, दूसरे चरण की लागत 120 करोड़ रुपये होगी। इस चरण में तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी ढाँचे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दूसरे चरण के प्रमुख कार्यों में मंदिर तक पहुंचने वाली सड़कों, एक विशाल अन्नदान परिसर, तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम गृह, पुजारियों और कर्मचारियों के लिए आवास, प्रशासनिक भवन, एक ध्यान कक्ष और समर्पित पार्किंग सुविधाओं का निर्माण शामिल है।

    मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के दौरान किसानों को हुई कथित कठिनाइयों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने विकास के प्रयासों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे भगवान का अनादर हो और न ही मैं किसी और को ऐसा करने दूंगा।

    सीएम नायडू ने सभी राज्यों में श्री वेंकटेश्वर मंदिर बनाने की योजना की भी घोषणा की और मुंबई में मंदिर के लिए रेमंड समूह द्वारा दिए गए 100 करोड़ रुपये के दान को भी स्वीकार किया।