'चाबहार पोर्ट का विकास ईरान-भारत सहयोग का महत्वपूर्ण उदाहरण', द्विपक्षीय संबंध पर क्या बोले ईरानी राजदूत इराज इलाही
ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को मध्य एशिया से जोड़ने वाले गोल्डन गेटवे के रूप में चाबहार बंदरगाह का विकास भारत-ईरान जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है । बता दें कि ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है ।
पीटीआई, नई दिल्ली। ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को मध्य एशिया से जोड़ने वाले गोल्डन गेटवे के रूप में चाबहार बंदरगाह का विकास भारत-ईरान जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आइएनएसटीसी) के कार्यान्वयन में दोनों देशों के बीच सहयोग भी बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का उदाहरण हैं।
ईरान की 45वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक कार्यक्रम में इलाही ने कहा कि पिछले अगस्त में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण बैठक ने दोनों देशों के बीच अच्छे सहयोग में नए चरण का मार्ग प्रशस्त किया। ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है।
भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने, खासकर अफगानिस्तान से इसकी कनेक्टिविटी के लिए इस परियोजना पर जोर दे रहा है। भारत और ईरान ने बंदरगाह को आइएनएसटीसी परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में पेश किया है। आइएनएसटीसी भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है।