'लापता बच्चों के लिए विशेष पोर्टल बनाए केंद्र', सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह लापता बच्चों का पता लगाने और ऐसे मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय के तत्वावधान में एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाए।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लापता बच्चों का पता लगाने के लिए जिन पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है उनके बीच समन्वय की कमी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह लापता बच्चों का पता लगाने और ऐसे मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय के तत्वावधान में एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाए।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लापता बच्चों का पता लगाने के लिए जिन पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके बीच समन्वय की कमी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पोर्टल पर प्रत्येक राज्य से एक समर्पित अधिकारी हो सकता है, जो सूचना प्रसारित करने के अलावा गुमशुदगी की शिकायतों का भी प्रभारी हो सकता है। कोर्ट ने गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए एक समन्वित प्रयास और इस समस्या से निपटने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाने की जरूरत पर बल दिया।
इसके बाद पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से इस मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा है। शीर्ष न्यायालय ने पहले केंद्र को कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लापता बच्चों के मामलों के आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए रिमाइंडर जारी करने का निर्देश दिया था।
एनजीओ गुरिया स्वयं सेवी संस्थान ने शीर्ष न्यायालय का रुख किया था और भारत सरकार द्वारा निगरानी किए जाने वाले खोया, पाया पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर की जाने वाली आवश्यक कार्रवाई के अलावा अपहरण या लापता बच्चों के अनसुलझे मामलों को उजागर किया था।
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