सरकार ला रही है डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क, नीति निर्धारण से लेकर शासन चलाने में होगी सुविधा
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क डिजिटल गवर्मेंट युग में प्रवेश का पहला कदम होगा जिसके तहत डाटा सुरक्षा और डाटा की निजता के सिद्धांत का पालन करते हुए पुख्ता सूचना के आधार पर सरकारी फैसले लिए जा सकेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकार जल्द ही डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क लाने जा रही है। इस फ्रेमवर्क के तहत ही सभी प्रकार के डाटा को सरकारी एजेंसियों के बीच एक दूसरे के साथ साझा किया जा सकेगा। अभी निजी एजेंसियां डाटा का बखूबी इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर एक-दूसरे विभागों के बीच डाटा की साझेदारी उस स्तर पर नहीं हो रही है। डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क बनाने के काम में इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय जुटा है। मंत्रालय डाटा गवर्नेंस के लिए अलग से विभाग का भी गठन कर सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने उदाहरण के तौर पर बताया कि अभी मनरेगा कार्यक्रम चलाने वाले विभाग को यह नहीं पता होता है कि इनमें से कितने श्रमिक हर महीने सरकारी राशन लेते हैं। अगर इस प्रकार की सटीक जानकारी एक-दूसरे विभाग को मिलेगी तो नीति बनाने में आसानी होगी और इसका फायदा जनता के साथ सरकार को मिलेगा। सरकारी खर्च का सही इस्तेमाल हो सकेगा और अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे। प्रचुर डाटा के इस्तेमाल से सरकारी विभागों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी और पारदर्शिता भी आएगी जिससे लिकेज रुकेगा।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क डिजिटल गवर्मेंट युग में प्रवेश का पहला कदम होगा जिसके तहत डाटा सुरक्षा और डाटा की निजता के सिद्धांत का पालन करते हुए पुख्ता सूचना के आधार पर सरकारी फैसले लिए जा सकेंगे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क के लिए जल्द ही मसौदा जारी कर दिया जाएगा। स्टेकहोल्डर्स से राय लेने के बाद उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक अभी विभिन्न मंत्रालय, विभाग अपना अलग-अलग डाटा पोर्टल बनाते हैं जो एक-दूसरे विभाग के साथ जुड़े नहीं होते हैं। इस वजह से डाटा साझेदारी का कोई व्यापक और ठोस मैकेनिज्म नहीं है। डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क इस कमी को दूर करेगा।
अभी किसी डाटा को कहां तक साझा करना है और इसमें कितना जोखिम है, इसे मापने के लिए कोई टूलकिट नहीं है। कई बार जोखिम के नाम पर महत्वपूर्ण डाटा साझा नहीं किए जाते हैं और इस वजह से परिणाम बेहतर नहीं मिल पाता है। प्रस्तावित फ्रेमवर्क के तहत इन सभी कमियों को दूर किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक फ्रेमवर्क के तहत डाटा की निजता व उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
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