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    18 साल से कम उम्र के बच्चों में ब्लैक फंगस को लेकर केंद्र की गाइडलाइंस, जानें क्या है हिदायतें

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Thu, 10 Jun 2021 01:34 PM (IST)

    कोरोना संक्रमण के बाद आ रहे म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मामलों में केंद्र ने गाइडलाइंस जारी की। यह विशेषकर 18 साल से कम उम्र के किशोरों और बच्चों ...और पढ़ें

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    18 साल से कम उम्र के बच्चों में ब्लैक फंगस को लेकर केंद्र के गाइडलाइंस

      नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (Director General of Health Services, DGHC) ने बुधवार को 18 साल से कम उम्र के किशोरों व बच्चों में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis or black fungus) के लिए दिशानिर्देश जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस गंभीर फंगस संक्रमण है जो स्टेरॉयड के गलत या अधिक मात्रा में इस्तेमाल, कैंसर, अंग या स्टेम सेल के प्रत्यारोपण, डायबीटिज को उपयुक्त तरीके से नियंत्रित न करने या फिर लंबे समय तक आइसीयू में इलाज की वजह से होता है। DGHC ने  गाइडलाइन में कहा, 'म्यूकरमाइकोसिस का इलाज शुरू करने के लिए टेस्ट के नतीजों का इंतजार न करें क्योंकि यह एक इमरजेंसी है।' 

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    साथ ही इसमें बताया गया है कि जिन्हें एंफोटेरिसिन बी (Amphotericin B) नहीं दिया जा सकता है उन्हें पोसाकोनाजोल (Posaconazole) दिया जाना चाहिए ।  इसमें बताया गया है कि 11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा की खुराक कितनी होनी चाहिए।

    गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि इलाज की शुरुआत में की गई दवा जरूरत पड़ने पर ही दोहराई जाए।

    कोरोना से संक्रमित या कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन का मामला अधिक देखा गया। इसके कारण मरीज़ों की आंखों की रोशनी खत्म होने के बाद संक्रमण और न बढ़े इसके लिए आंखें निकालनी पड़ जाती है। जिन लोगों में डायबिटीज़ है, उनमें इसका संक्रमण देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग फंगल संक्रमण का एक कारण हो सकता है। म्यूकरमाइकोसिस गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से नाक, कान और गले के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान होता है।