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    गरीबों के ढाई लाख मकानों को मिली मंजूरी, उत्तर प्रदेश को 52 हजार से अधिक मकान

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Fri, 01 Nov 2019 09:15 PM (IST)

    प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत कुल 93 लाख से अधिक मकान बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

    गरीबों के ढाई लाख मकानों को मिली मंजूरी, उत्तर प्रदेश को 52 हजार से अधिक मकान

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय मंजूरी व निगरानी कमेटी की 48वीं बैठक में गरीबों के ढाई लाख से अधिक मकानों के बनाने के मसौदे को मंजूरी दी गई। विभिन्न राज्यों से प्राप्त कुल 273 प्रस्तावों पर कुल 7322 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें केंद्रीय वित्तीय मदद साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये होगी। इनमें कुल सात राज्यों के प्रस्ताव आए थे, जिनमें इनमें उत्तर प्रदेश के लिए 52 हजार आवास को मंजूरी दी गई।

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    प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत कुल 93 लाख से अधिक मकान बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। जिन सात राज्यों ने इसमें हिस्सा लिया, इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश, नगालैंड, पुडुचेरी और उत्तर प्रदेश प्रमुख थे। इनमें सर्वाधिक 1.24 लाख मकान आंध्र प्रदेश, 16 हजार मकान असम, बिहार को 15 हजार, मध्य प्रदेश को 18 हजार, नगालैंड को 3200 मकान, पुडुचेरी को 1800 मकान, और उत्तर प्रदेश को 52 हजार से अधिक मकान मंजूर किये गये।

    उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले वहां से पीएमएवाई में कोई प्रस्ताव नहीं आता था, जिसे लेकर केंद्र सरकार परेशान थी। लेकिन राज्य में 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार के गठन के बाद प्रस्ताव आने शुरु हुए जो अब बहुत तेज हो गया है। राज्य में अब तक 14.50 लाख मकानों की मंजूरी मिली थी, जिनमें से 12.56 लाख मकान बना लिये गये हैं। राज्य में रियायती दरों पर मकान बनाने के लिए ब्याज में मुरौव्वत की जाती है।

    केंद्रीय शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में कमेटी की हुई बैठक फैसले लिये गये। शहरी क्षेत्रों में कुल 1.12 करोड़ मकान की जरूरत है, जिनमें से 93 लाख मकानों की मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से 55 लाख मकान बनाये जा चुके हैं। सचिव मिश्र ने बताया कि मंजूर किये गये मकानों में कुल 5.56 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र का 2.82 लाख करोड़ रुपये भी शामिल है। जबकि 2.74 लाख करोड़ रुपये का निजी निवेश होगा।