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    जर्मनी के साथ मिलकर छह पनडुब्बियां बनाएगा भारत, सरकार ने 70000 करोड़ रुपये की दी मंजूरी

    केंद्र ने रक्षा मंत्रालय और मडीएल को छह पनडुब्बियों की खरीद के सौदे पर जर्मन सहयोगी से बातचीत शुरू करने की मंजूरी दे दी है।प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत जर्मनी की मदद से इन पनडुब्बियों का भारत में ही निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए मझगांव डाकयार्ड को जर्मनी की कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स के साझेदार के रूप में चुना था।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 24 Aug 2025 07:57 AM (IST)
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    जर्मनी के साथ मिलकर छह पनडुब्बियां बनाएगा भारत

     एएनआई, नई दिल्ली। छह महीने से अधिक समय तक अटके रहने के बाद केंद्र ने रक्षा मंत्रालय और मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) को छह पनडुब्बियों की खरीद के सौदे पर जर्मन सहयोगी से बातचीत शुरू करने की मंजूरी दे दी है।

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    रक्षा मंत्रालय और मझगांव डाकयार्ड जल्द जर्मन सहयोगी से शुरू करेगा बातचीत

    'प्रोजेक्ट 75 इंडिया' के तहत जर्मनी की मदद से इन पनडुब्बियों का भारत में ही निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए मझगांव डाकयार्ड को जर्मनी की कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स के साझेदार के रूप में चुना था।

    रक्षा अधिकारियों ने बताया कि केंद्र ने रक्षा मंत्रालय और एमडीएल को इस परियोजना के लिए बातचीत शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस महीने के अंत तक यह प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

    देश के पनडुब्बी बेड़े के रोडमैप और भविष्य पर चर्चा

    केंद्र ने शीर्ष रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया, जिसमें देश के पनडुब्बी बेड़े के रोडमैप और भविष्य पर चर्चा की गई।

    रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना को उम्मीद है कि अगले छह महीनों में अनुबंध वार्ता पूरी हो जाएगी और इसे अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। इस अनुबंध के माध्यम से रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य देश में पारंपरिक पनडुब्बियों के डिजाइन और निर्माण के लिए स्वदेशी क्षमता विकसित करना है।

     छह उन्नत पनडुब्बियां खरीदने पर विचार कर रही नौसेना

    सरकार पनडुब्बी निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने का उपाय भी तलाश रही है। प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत भारतीय नौसेना तीन सप्ताह तक पानी के भीतर रहने की क्षमता वाली छह उन्नत पनडुब्बियां खरीदने पर विचार कर रही है। जर्मन कंपनी की मदद से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

    भारतीय उद्योग जगत दो परमाणु हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण पर भी काम कर रहा है। इसमें निजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो एक बड़ी भूमिका निभाएगी।

    चीन और पाकिस्तान दोनों का मुकाबला करने में सक्षम

    चीनी नौसेना के तेजी से आधुनिकीकरण की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने परमाणु और पारंपरिक, दोनों तरह की कई पनडुब्बी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। हालांकि, भारत को अपने क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान दोनों का मुकाबला करने के लिए तेजी से क्षमताएं विकसित करनी होंगी।