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    असम में जारी रहेगा बेदखली अभियान, सीएम सरमा बोले- इस कार्रवाई को केंद्र सरकार का पूरा समर्थन

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 31 Aug 2025 02:00 AM (IST)

    सीएम सरमा ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र राज्य सरकार के बेदखली अभियान का पूरी तरह से समर्थन करता है जो पिछले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से स्पष्ट था। शाह ने स्पष्ट किया था कि असम और पूरे देश को अवैध घुसपैठियों से मुक्त कराया जाएगा।राज्य की भाजपा सरकार ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया था जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था।

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    असम सरकार के बेदखली अभियान को केंद्र का पूरा समर्थन : हिमंत (फाइल फोटो)

     पीटीआई, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र राज्य सरकार के बेदखली अभियान का पूरी तरह से समर्थन करता है, जो पिछले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से स्पष्ट था। शाह ने स्पष्ट किया था कि असम और पूरे देश को अवैध घुसपैठियों से मुक्त कराया जाएगा। राज्य की भाजपा सरकार ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया था, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था।

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    सरमा ने कहा कि राज्य में बेदखली जारी रहेगी

    सरमा ने कहा कि राज्य में बेदखली जारी रहेगी, क्योंकि हम अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है।

    बेदखली अभियान के कारण विस्थापित हुए ज्यादातर लोग बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय से हैं, जिनका दावा है कि ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव के कारण उनके पूर्वज उन इलाकों में आकर बस गए थे जहां अभियान चलाया गया। घुसपैठ के मुद्दे पर सरमा ने कहा कि राज्य में 'पुश बैक' दो मोर्चों पर हो रहा है। इसमें नए अवैध प्रवासियों और 1971 के बाद प्रवेश करने वाले दोनों के खिलाफ कार्रवाई जा है।

    33 बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा गया

    मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि असम पुलिस ने 33 नए घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेज दिया है। साथ ही चेतावनी दी कि सावधान रहें। हमारे कड़े प्रयास जारी हैं और आने वाले दिनों में और तेज होंगे।

    हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें किस सेक्टर से वापस भेजा गया है, लेकिन •ज्यादातर घुसपैठियों को श्रीभूमि जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते वापस भेजा जा रहा है।