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    National Council for Transgender: केंद्र ने किया ट्रांसजेंडरों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 22 Aug 2020 08:56 PM (IST)

    अधिसूचना के मुताबिक केंद्र ने इस परिषद का गठन ट्रांसजेंडर पर्सस (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट 2019 से मिले अधिकारों के तहत किया है।

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    National Council for Transgender: केंद्र ने किया ट्रांसजेंडरों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन

    नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडरों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है ताकि इस समुदाय के लोगों के लिए नीतियां, कार्यक्रम, कानून और परियोजनाएं बनाई जा सकें।

    शुक्रवार रात जारी अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र ने इस परिषद का गठन ट्रांसजेंडर पर्सस (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट, 2019 से मिले अधिकारों के तहत किया है। एक्ट के मुताबिक परिषद के कार्यो में ट्रांसजेंडरों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून व परियोजनाओं के संबंध में केंद्र को परामर्श देना; नीतियों व कार्यक्रमों के प्रभाव का आकलन और निगरानी शामिल है ताकि समानता और समुदाय के लोगों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। परिषद में समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ पांच राज्यों व केंद्र सरकार के 10 विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री इसके अध्यक्ष और राज्यमंत्री उपाध्यक्ष होंगे।

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    एनएचआरसी ने राज्यों से मांगा था जवाब

    बता दें कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को ट्रांसजेंडरों की दुर्दशा पर कार्रवाई रिपोर्ट  पेश करने का आदेश दिया था। आयोग ने यह आदेश वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की तरफ से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में वकील राधाकांत ने कहा था कि कोरोना संक्रमण की महामारी के दौरान ट्रांसजेंडर के सामने जीवनयापन की समस्या पैदा हो गई है। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में अधिकारियों के तौर पर भर्ती के लिए ट्रांसजेंडर लोगों को यूपीएससी की वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। 

    गौरतलब है कि राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें उन्हें जीवनयापन के लिए मूलभूत सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध कराने में विफल रही थीं। इस दौरान जबकि पूरा देश महामारी से जूझ रहा था ट्रांसजेंडर न तो डांस आदि का पारंपरिक काम कर पा रहे थे न ही छोटे-मोटे दूसरे कामों की शुरुआत कर पा रहे थे।