UPA के मुकाबले मोदी सरकार के कार्यकाल में अधिक तेजी से बढ़ीं नौकरियां, केंद्र का दावा; क्या कहते हैं आंकड़े
केंद्र सरकार ने गुरुवार को नौकरी और रोजगार से जुड़े आंकड़े साधा करते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौर के मुकाबले मोदी सरकार के शासनकाल में अधिक तेजी से नौकरियां बढ़ी हैं। सरकार का कहना है कि 2004-14 तक रोजगार दर सालाना छह प्रतिशत से बढ़ी वहीं मोदी सरकार में 2014-24 के दौरान यह बढ़ोतरी 36 प्रतिशत की दर से हुई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नौकरी-रोजगार के मुद्दे पर उठाए जा रहे सवालों का वास्तविक आंकड़ों के जरिए केंद्र सरकार जवाब देते हुए देश में रोजगार सृजन के मोर्चे पर यूपीए सरकार के दौर के मुकाबले कहीं बेहतर प्रदर्शन का दावा करने से अब हिचक नहीं रही है। एनडीए-भाजपा सरकार ने अपने बीते 10 साल के कार्यकाल में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर समेत लगभग सभी क्षेत्रों में रोजगार दर बढ़ने का दावा करते हुए कहा है कि यूपीए के समय 2004-14 तक रोजगार की दर सालाना छह प्रतिशत से बढ़ी, वहीं मोदी सरकार में 2014-24 के दौरान यह बढ़ोतरी 36 प्रतिशत की दर से हुई।
केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री ने रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए गुरूवार को कहा कि वार्षिक वृद्धि दर के साथ-साथ अतिरिक्त रोजगार सृजन की संख्या भी इस तथ्य को उजागर करते हैं कि मोदी सरकार के 10 साल में रोजगार सृजन की स्थिति सुधरी है। रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि 2004-14 के बीच 2.9 करोड़ अतिरिक्त रोजगार का सृजन हुआ, जबकि 2014-24 के बीच 17.19 करोड़ अतिरिक्त रोजगार का सृजन हुआ।
एक साल में पैदा हुए 4.60 करोड़ रोजगार
पिछले एक साल केवल 2023-24 के दौरान ही इसमें से 4.60 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए गए। रोजगार संकट पर उठाए जाने वाले सवालों के परिप्रेक्ष्य में मनसुख मंडाविया ने कहा कि नौकरियों के सृजन के सभी प्रमुख क्षेत्रों के आंकड़े भी गवाह हैं कि यूपीए के दौर में रोजगार में गिरावट देखी गई। कृषि क्षेत्र के रोजगार में यूपीए के काल में जहां 16 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं मोदी सरकार के 10 वर्ष के दौरान कृषि क्षेत्र में रोजगार 19 प्रतिशत बढ़ी है।
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में भी यूपीए में रोजगार में छह प्रतिशत की दर से बढ़ी तो 2014-2023 के बीच यह सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। सर्विस सेक्टर में यूपीए काल में रोजगार सृजन दर 25 प्रतिशत रही। वहीं बीते 10 साल में सर्विस सेक्टर में रोजगार की दर 36 प्रतिशत के दर से बढ़ी है। श्रम मंत्री के अनुसार बेरोजगारी दर (यूआर) 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत पर आ गई है तो रोजगार दर (डब्ल्यूपीआर) इस अवधि में 46.8 प्रतिशत से बढ़ कर 58.2 प्रतिशत हो गई है।
10.2 प्रतिशत पर आई बेरोजगारी दर
ग्रेजुएट युवाओं के रोजगारी-नौकरी क्षेत्र में आने के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंडाविया ने कहा कि पिछले सात वर्षों, सितंबर 2017-सितंबर 2024 के बीच 4.7 करोड़ से अधिक युवा (18-28 वर्ष) ईपीएफओ में शामिल हुए हैं। युवाओं की रोजगार दर में इन सात वर्षो में 31.4 फीसद से वृद्धि हुई है और युवा बेरोजगारी दर 2017-18 के 17.8 प्रतिशत से गिरकर 2023-24 में 10.2 प्रतिशत पर आ गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।