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    कॉमन सेंट्रल सचिवालय-3 में शिफ्ट होंगे गृह, विदेश और पेट्रोलियम मंत्रालय; जानिए किसे कहां मिली जगह

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 09:03 PM (IST)

    सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों का नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेट्रिएट (सीसीएस) में स्थानांतरण अगले महीने शुरू हो जाएगा। दस में से तीन इमारतें तैयार हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय सबसे पहले निर्माण भवन से कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित नए भवन में स्थानांतरित होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रालयों की शिफ्टिंग तेज करने को कहा था। पहले चरण में लगभग 15 मंत्रालय नए भवन में जाएंगे।

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    नए बने भवनों में हुआ मंत्रालयों के लिए जगह का आवंटन।(फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्लान के तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों की नए कामन सेंट्रल सेक्रेट्रिएट (सीसीएस) में स्थानांतरण अगले माह शुरू हो जाएगा। सीसीएस की दस में से तीन इमारतें पूरी तरह तैयार हो चुकी हैं। रिडेवलपमेंट की कमान संभालने वाला आवास और शहरी कार्य मंत्रालय सबसे पहले निर्माण भवन स्थित अपने ठिकाने को छोड़कर कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित नए भवन में स्थानांतरित होगा।

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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रालयों की शि¨फ्टग का काम तेज करने के लिए कहा था। इसी क्रम में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी सबसे पहले नई जगह पर जा रहे हैं। मंत्रालय के एक परिपत्र के अनुसार, नार्थ ब्लॉक से संचालित होने वाला गृह मंत्रालय सीसीएस-3 में स्थानांतरित होगा। मंत्रालय का अपने कामकाज के लिए चौथा, पांचवां और छठा तल आवंटित किया गया है।

    साउथ ब्लॉक और शास्त्री भवन के अपने वर्तमान ठिकाने से विदेश मंत्रालय भी सीसीएस-3 में तीसरे तल पर स्थानांतरित होगा। शास्त्री भवन से ही पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भी पहले चरण में इसी भवन में पहुंच जाएगा। इसी तरह मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी इसी भवन में स्थानांतरित हो रहा है।

    अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में 15 के करीब मंत्रालय नए भवन में स्थानांतरित होंगे। पीएम ने शास्त्री भवन की दशा को लेकर ¨चता जताई थी और इसके बाद से ही मंत्रालयों के स्थानांतरण की प्रक्रिया तेज हुई है। शास्त्री भवन, परिवहन भवन और निर्माण भवन को फिर से बनाया जाना है। यह तभी संभव होगा, जब इन भवनों में संचालित होने वाले मंत्रालय अपने नए ठिकानों पर पहुंच जाएं।