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    अब बच नहीं पाएंगे भ्रष्ट अधिकारी, सीवीसी ने कहा- रिटायरमेंट से एक महीना पहले भेजो फाइल

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 03 Oct 2020 06:04 AM (IST)

    केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अपने अभियान में तेजी लाएगा। सीवीसी ने सभी मंत्रालयों के लिए परिपत्र जारी कर कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की अवकाश प्राप्ति से 30 दिन पहले उनकी पत्रावली भेजी जाए।

    केंद्रीय सतर्कता आयोग भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अपने अभियान में तेजी लाएगा।

    नई दिल्ली, आइएएनएस। भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की नीति को अमल में लाते हुए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अपने अभियान में तेजी लाएगा। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अब अवकाश प्राप्ति से पहले कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सीवीसी ने सभी मंत्रालयों के लिए परिपत्र जारी कर कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त अधिकारियों की अवकाश प्राप्ति से कम से कम 30 दिन पहले उनकी पत्रावली भेजी जाए।

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    सीवीसी ने कहा है कि यह इसलिए जरूरी है ताकि भ्रष्‍ट अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। यह परिपत्र सीवीसी के निदेशक जे विनोद कुमार ने एक अक्टूबर को जारी किया है। इससे भ्रष्टाचार के आरोपी उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलेगी जो जल्द रिटायर होने वाले हैं।

    इससे पहले 12 मई को जारी परिपत्र में सीवीसी ने कहा था कि जिन अधिकारियों का रिटायरमेंट जल्द हो, उनके भ्रष्टाचार के मामले हर महीने की दस तारीख को शाम पांच बजे तक दाखिल किए जाएं। उन मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा होगा। लेकिन अब संलिप्त अधिकारी के रिटायरमेंट से 30 दिन पहले यह जानकारी मांगी गई है।

    परिपत्र में साफ लिखा गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी अगर 30 नवंबर को रिटायर हो रहा है तो उसके मामले की जांच रिपोर्ट और कार्रवाई की पत्रावली 31 अक्टूबर तक उपलब्ध कराई जाए। इससे सीवीसी भी उसके खिलाफ आगे की उचित कार्रवाई कर सकेगा। यह परिपत्र सभी मंत्रालयों, सरकारी उपक्रमों, सभी सरकारी विभागों और संस्थानों को भेजा गया है।

    सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने से जुड़ी पत्रावली विलंब से सीवीसी के पास भेजी जा रही थीं। उनमें सीवीसी जब कार्रवाई के लिए प्रक्रिया शुरू करता था, तो कुछ ही दिन बाद आरोपी अधिकारी रिटायर हो जाता था। इससे वह समुचित कार्रवाई से बच जाता था। इसलिए अब रिटायरमेंट से पहले ही भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई पूरी करने का फैसला किया गया है।