Central Universities Entrance Exam: विवि में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर फैसला जल्द
Central Universities Entrance Exam कोरोना संकट के बीच जो परिस्थितियां उभरी हैं उनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय भी दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा को ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए इस बार से संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने पर भले ही सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है, लेकिन अब तक इसका एलान न होना कई तरह की चिंताओं को बढ़ा रहा है। केंद्रीय विश्वविद्यालय इस चुप्पी से ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि वह इसके चलते खुद की दाखिले से जुड़ी प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय ने संकेत दिया है कि हफ्ते भर के भीतर इस पर फैसला ले लिया जाएगा। स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
विश्वविद्यालय भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के पक्ष में
खासबात यह है कि कोरोना संकट के बीच जो परिस्थितियां उभरी हैं, उनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय भी दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें अच्छे बच्चों को चुनने का मौका मिलेगा। फिलहाल बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के रद होने के बाद सीबीएसई सहित सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों ने अपने आकलन का जो फार्मूला दिया है, उसमें एकरूपता न होने से विश्वविद्यालय असहज हैं। वे ऐसी स्थिति में संयुक्त प्रवेश परीक्षा के पक्ष में हैं और इसके लिए इंतजार भी करने को तैयार हैं, लेकिन चाहते है कि इसे कराने को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी का कहना है कि संयुक्त परीक्षा होनी चाहिए। छात्रों के हित में इससे अच्छा कुछ नहीं होगा।
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा से जुड़े सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण की स्थिति की भी समीक्षा की जा रही है।
एनटीए पर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी
इस परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी नेशनल टे¨स्टग एजेंसी (एनटीए) को सौंपी गई है, जिसके पास पहले से ही नीट और जेईई मेन जैसी अहम परीक्षाओं को कराने का जिम्मा है। वह इन परीक्षाओं को कराने पर भी कोई फैसला नहीं ले सकी है। इस दौरान सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर जल्द ही निर्णय की दबाव बढ़ाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो हर दिन देश के किसी न किसी विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में जानकारी मांगी जाती है।

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