शत-प्रतिशत सफलता की गारंटी देने वाले कोचिंग संस्थानों पर होगी सख्ती, केंद्र के कठोर नियम सभी इंस्टीट्यूट पर होगा लागू
भ्रामक विज्ञापनों के जरिए अभ्यर्थियों को भरमाने और सौ प्रतिशत सफलता की गारंटी देने वाले कोचिंग संस्थानों पर सरकार सख्ती करने जा रही है। उनके झूठे दावों वाले विज्ञापनों पर नियंत्रण एवं मनमानी रोकने के लिए केंद्र ने नियमावली बनाई है जिसे सभी को मानना आवश्यक होगा। नई नियमावली के दायरे में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में चलने वाले कोचिंग संस्थानों को लाया जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापनों के जरिए अभ्यर्थियों को भरमाने और सौ प्रतिशत सफलता की गारंटी देने वाले कोचिंग संस्थानों पर सरकार सख्ती करने जा रही है। उनके झूठे दावों वाले विज्ञापनों पर नियंत्रण एवं मनमानी रोकने के लिए केंद्र ने नियमावली बनाई है, जिसे सभी को मानना आवश्यक होगा। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की नई नियमावली के दायरे में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में चलने वाले कोचिंग संस्थानों को लाया जाएगा।
अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा करने के लिए बनाई गई कमेटी
अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा करने के लिए प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को हुई। इसमें दिशा-निर्देश के ड्राफ्ट पर चर्चा के बाद उसे अंतिम रूप दिया गया। समिति ने यह भी बताया है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। प्राधिकरण ने कहा कि उसने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ स्वत:संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। कोचिंग संस्थान सफलता दर, चयनित अभ्यर्थियों की संख्या और किसी अन्य ऐसे झूठे दावे नहीं करेंगे, जिससे उपभोक्ता को गलतफहमी या उसकी स्वायत्तता या पसंद प्रभावित हो सकती है।
देशभर के कई कोचिंग संस्थानों को नोटिस
प्राधिकरण ने यह कदम भ्रामक विज्ञापनों के लिए देशभर के 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजने एवं नौ पर जुर्माना लगाने के कुछ महीने बाद उठाया है। प्राधिकरण ने कहा है कि यह दिशा-निर्देश सभी संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या ऑफलाइन। प्राधिकरण ने कहा कि कोचिंग संस्थान सौ प्रतिशत चयन, नौकरी या प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा में पास होने की गारंटी नहीं दे सकता है।
विज्ञापन को लेकर कोचिंग सेंटरों को हिदायत
कोचिंग संस्थानों को विज्ञापन जारी करने से पहले विभिन्न पहलुओं को गंभीरता से देखने की हिदायत दी गई है। कहा गया है कि कोचिंग संस्थानों को सफल उम्मीदवारों की तस्वीर के साथ अपेक्षित जानकारी का उल्लेख करना होगा। सफल उम्मीदवारों की रैंक, पाठ्यक्रम एवं अवधि के साथ यह भी बताना होगा कि कोचिंग पैसे लेकर दी गई है या मुफ्त थी। विज्ञापन जारी करने का तरीका भी बताया गया है।
कहा गया है कि अस्वीकरण, प्रकटीकरण या महत्वपूर्ण जानकारी का फांट साइज भी वही होगा जो विज्ञापन में उपयोग किया गया है। साथ ही ऐसी जानकारी का प्लेसमेंट विज्ञापन में प्रमुख और देखने योग्य स्थान पर होगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ को¨चग संस्थान सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों, अवधि एवं फीस भुगतान के संबंध में जानबूझकर नहीं बताते। यह उपभोक्ताओं को गुमराह करना हुआ।
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