डिजिटल मीडिया के फिलहाल नहीं किया जाएगा रेगुलेट, केंद्र सरकार ने लिया अपने फैसले से यू-टर्न
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम 1867 में संशोधन के हिस्से के रूप में डिजिटल मीडिया के पंजीकरण को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन अब सरकार ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा था कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया नियमन के लिए एक विधेयक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि पहले समाचारों का एकतरफा संचार हुआ करता था, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के विकास से समाचारों का संचार बहुआयामी हो गया है।
डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करने के मामले पर कई लोगों ने सरकार की आलोचना की। अब सरकार ने अपने इस फैसले पर फिर से सोच विचार करने की इच्छा जताई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, शुक्रवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के रजिस्ट्रेशन से संबंधित डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बनाई है।
मुमकिन है कि डिजिटल मीडिया का रजिस्ट्रेशन अंतिम संस्करण में न हो
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस और पुस्तकों के रजिस्ट्रेशन (PRB) अधिनियम, 1867 में संशोधन के हिस्से के रूप में डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस कदम के खिलाफ कई लोगों द्वारा की गई आलोचनाओं के बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है। अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया,'हम उस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं। हो सकता है कि डिजिटल मीडिया का रजिस्ट्रेशन अंतिम संस्करण में न हो।'
इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक मीडिया कार्यक्रम में कहा था कि सरकार ने औपनिवेशिक काल के पीआरबी अधिनियम में संशोधन करने की योजना बनाई है, जिससे मीडिया क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा था, 'पहले के समय में समाचार पत्र शुरू करना एक बोझिल काम था। दिल्ली में जिलाधिकारी के कार्यालय और कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यदि किसी समाचार पत्र को पंजीकृत करने में लगभग चार महीने लगते हैं, तो यह अब सात दिनों के भीतर होगा।' उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रिंट और डिजिटल मीडिया के नियमन का मुद्दा संबंधित क्षेत्रों पर छोड़ दिया है।
डिजिटल मीडिया के लिए संतुलन जरूरी
कुछ दिनों पहले जयपुर में एक समाचार पत्र के कार्यक्रम में ठाकुर ने कहा कि डिजिटल मीडिया के कारण गांव का छोटा सा समाचार भी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच जाता है। लेकिन, डिजिटल मीडिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। ऐसे में संतुलन बनाने के लिए, सरकार यह देखेगी कि इस दिशा में क्या किया जा सकता है।
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