केंद्र सरकार ने दी सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी, सेना को मिलेंगे 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर; जानें खासियत
रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार मजबूत हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक और सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है। दरअसल केंद्र सरकार ने 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है। एचएएल के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा।

एएनआई, नई दिल्ली। रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार मजबूत हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक और सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है। दरअसल, भारत ने 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है।
रक्षा अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की आज हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
HAL को सबसे बड़ा ऑर्डर
यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि इस रक्षा मंजूरी की स्वीकृति के बाद यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा और हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके संयंत्रों में किया जाएगा।
This would be the biggest order for Hindustan Aeronautics Limited (HAL) so far and the choppers would be built at their plants in Bengaluru and Tumkur in Karnataka: Defence Officials https://t.co/YUIePHvBrr pic.twitter.com/X3qNLGxUYC
— ANI (@ANI) March 28, 2025
जानिए प्रचंड हेलीकॉप्टर की खासियत
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एलसीएच 'प्रचंड' विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर में आधुनिक विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात्रि में भी हमले की क्षमता है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है।
प्रचंड हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के माध्यम से रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के इरादे पर जोर दे रही है।
पिछले साल हुआ था सेना में शामिल
इसका उपयोग धीमी गति से चलने वाले विमानों और दूर से संचालित विमानों (आरपीए) के खिलाफ भी किया जा सकता है। एलसीएच 'प्रचंड' को पिछले साल थलसेना और वायुसेना में शामिल किया गया था।
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