केंद्र ने नौ राज्यों के लिए 4645.60 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, यूपी-बिहार समेत कई राज्यों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी बड़ी पहल करते हुए देश के नौ राज्यों के लिए 4645.60 करोड़ रुपये की पुनर्वास पुनर्निर्माण और जोखिम कम करने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी बड़ी पहल करते हुए देश के नौ राज्यों के लिए 4645.60 करोड़ रुपये की पुनर्वास पुनर्निर्माण और जोखिम कम करने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी बड़ी पहल करते हुए देश के नौ राज्यों के लिए 4,645.60 करोड़ रुपये की पुनर्वास, पुनर्निर्माण और जोखिम कम करने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इन परियोजनाओं से असम, केरल, मध्यप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा। इस प्रस्ताव को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने मंजूरी दी।
आर्द्रभूमि योजना के पुनरुद्धार और कायाकल्प को मंजूरी दी है
समिति में वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी शामिल थे। असम के लिए सबसे अहम 692.05 करोड़ रुपये की वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पुनर्जीवन योजना को मंजूरी दी गई। इसमें से 519.04 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 173.01 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी।
इस योजना का उद्देश्य बाढ़ रोकने की क्षमता बढ़ाना, जलाशयों की क्षमता सुधारना, मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देना और जल संरक्षण और कटाव रोकना है।
जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी
इसके साथ ही समिति ने शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम (यूएफआरएमपी) के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी है, जो भोपाल, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, जयपुर, कानपुर, पटना, रायपुर, तिरुअनंतपुरम, विशाखापत्तनम, इंदौर और लखनऊ जैसे 11 शहरों के लिए है।
इसकी कुल वित्तीय लागत 2444.42 करोड़ रुपए है, जिसे राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष से वित्त पोषित किया जाएगा। इससे पहले, केंद्र सरकार ने सात महानगरों- चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे के लिए 3075.65 करोड़ रुपए की लागत के साथ शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रमों को मंजूरी दी थी।
केंद्र ने इन आपदाओं के लिए भी जारी किया फंड
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भूस्खलन के लिए 1000 करोड़ रुपए, बादल फटने से बाढ़ के लिए 150 करोड़ रुपए, जंगल की आग के लिए 818.92 करोड़ रुपए, आकाशीय बिजली के लिए 186.78 करोड़ रुपए और सूखे के लिए 2022.16 करोड़ रुपए के क्षेत्रों में कई खतरों के जोखिमों को कम करने के लिए कई शमन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी थी।
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