विकास रथ का पहिया बनें केंद्र व प्रदेश सरकार
घाटमपुर के अशवारमऊ मे सोमवार को विकास की एक बड़ी नीव रखी गई। प्रदेश के सबसे बडे़ 1980 मेगावाट के विद्युत उत्पादन गृह के शिलान्यास के समय जब प्रदेश के ...और पढ़ें

कानपुर। घाटमपुर के अशवारमऊ में सोमवार को विकास की एक बड़ी नींव रखी गई। प्रदेश के सबसे बडे़ 1980 मेगावाट के विद्युत उत्पादन गृह के शिलान्यास के समय जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश साथ-साथ बैठे तो प्रदेश की तरक्की का मुद्दा अहम हो गया। दोनों ने एक सुर में इस बात पर जोर किया कि अगर केंद्र और प्रदेश विकास रथ के दो पहियों की तरह काम करें तो खुशहाली आ सकती है।
नेयवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन की परियोजना के शिलान्यास के अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दक्षिण भारत से लोग उत्तर प्रदेश में आए हैं। यह अच्छी बात है। किसान भी उन्हें सहयोग दें क्योंकि बिजली उत्पादन से ही प्रदेश में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश को मदद करे, दोनों के मिलने से ही प्रदेश की जनता का भला होगा। उन्होंने कहा कि बिजली मामले में प्रदेश के हालात ज्यादा खराब हो चुके हैं। बिजली की मांग बढ़ रही है। दूसरे राज्यों से खरीदकर भी बिजली की कमी पूरी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि जो बिजली आ रही है, वह भी गांवों तक जर्जर लाइनों या लाइनों के गायब होने से नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व किए वादों को बजट में पूरा करने का प्रयास किया है। प्रदेश के विकास के लिए धन खर्च करेंगे। उन्होंने प्लांट निर्माण में हर संभव मदद का भरोसा दिलाने के साथ ही कहा कि पहली यूनिट को जितनी जल्दी चालू कर लेंगे, उतना ज्यादा फायदा मिलेगा। उन्होंने लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव की तरफ इशारा करके कहा कि प्रदेश सरकार के अधिकारी तो मदद को तैयार है, लेकिन केंद्रीय अधिकारी नहीं बोल रहे हैं। इस पर कहा गया कि 2015 तक पहली यूनिट से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
वहीं केंद्रीय कोयला मंत्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े शहर में सबसे बड़ा विद्युत प्लांट लगने जा रहा है। विकास होगा तो जाहिर है कि उद्योग लगेंगे। अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए सबसे पहले ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसीलिए 660 मेगावाट की तीन इकाइयों वाला प्लांट लगाया जा रहा है। पिछली सरकार में लगातार जमीन आदि के लिए टालमटोल होती रही। छह माह पूर्व प्रदेश सरकार से समझौता हुआ, लेकिन अब उम्मीद है कि जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। सरकारी उपक्रम की सबसे बड़ी साझेदारी में नेयवेली लिग्नाइट और राज्य विद्युत उत्पादन निगम 51:49 फीसदी के हिस्सेदार होंगे।
इस मौके पर कोयला राज्यमंत्री प्रतीक प्रकाशबापू पाटिल, सांसद राजाराम पाल, सांसद राकेश सचान, कोयला मंत्रालय के सचिव एसके श्रीवास्तव, अपर सचिव जोहरा चटर्जी, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अवनीश अवस्थी, नेयवेली लिग्नाइट के प्रबंध निदेशक एआर अंसारी भी थे।
इस तकनीक का पहला बिजलीघर:
कानपुर: यह बिजलीघर कुछ खास है। यह प्रदेश का पहला यूरोपियन क्रिटिकल तकनीक आधारित बिजलीघर है। इसमें तापमान और स्टीम प्रेशर काफी ज्यादा है। प्रदेश में अब तक किसी विद्युत उत्पादन गृह में 660 मेगावाट की विद्युत उत्पादन इकाई नहीं है और न 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। यह प्लांट इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
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