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Supreme Court: केंद्र ने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की याचिका पर सुनवाई का किया विरोध

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं जिनमें विभिन्न राज्यों द्वारा जबरन मतांतरण रोकने के लिए लाए गए कानूनों को चुनौती दी गई है। इसके अलावा तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस ने भी एक जनहित याचिका दाखिल कर रखी है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Mon, 30 Jan 2023 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 09:39 PM (IST)
Supreme Court: केंद्र ने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की याचिका पर सुनवाई का किया विरोध
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई पर लगाने का दिया आदेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जबरन मतांतरण पर रोक लगाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। केद्र सरकार ने संगठन के याचिका दाखिल करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये संगठन बांटने की राजनीति का समर्थन करता है और समाज को धार्मिक और साम्प्रदायिक आधार पर बांटता है।

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सुनवाई का विरोध करते है

इसके अलावा अटार्नी जनरल ने भी विभिन्न राज्यों द्वारा लाए गए मतांतरण रोकने के कानूनों की चुनौती देने वाली विभिन्न हाई कोर्टों में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित किये जाने पर आपत्ति उठाई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सोमवार को विस्तृत सुनवाई नहीं की और केस को शुक्रवार को सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं जिनमें विभिन्न राज्यों द्वारा जबरन मतांतरण रोकने के लिए लाए गए कानूनों को चुनौती दी गई है। कई स्थानांतरण याचिकाएं भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं जिनमें विभिन्न राज्यो के कानूनों को हाई कोर्ट में दी गई चुनौतियों के मामले सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इसके अलावा तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस ने भी एक जनहित याचिका दाखिल कर रखी है जिसमें विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि द्वारा जबरन मतांतरण रोकने के लिए लाए गए कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने भी एक याचिका दाखिल कर रखी है जिसमें धोखा, लालच और दबाव में मतांतरण रोकने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की गई है। सोमवार को जब मामला प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष सुनवाई पर आया तो कोर्ट को बताया गया कि कुछ स्थानांतरण याचिकाएं आज की सुनवाई सूची में नहीं शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि वह मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे और तभी विचार किया जाएगा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित स्थानांतरण याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने के लिए नोटिस जारी किया जाए कि नहीं तबतक वे याचिकाएं भी सूची में शामिल हो जाएंगी।

तीस्ता पर फंड जुटाने का मामला चल रहा हैं: केंद्र

केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस की याचिका पर सुनवाई को लेकर उनकी आपत्ति है और वह उस पर सुनवाई का विरोध करते हैं। उन्होंने इस बारे में हलफनामा भी दाखिल किया है। हालांकि बाकी की याचिकाओं पर सुनवाई को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कोर्ट ने मेहता से कहा कि मामले पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा।

स्थानांतरण याचिका दाखिल करने वाले अन्य याचिकाकर्ताओं ने भी सुनवाई की मांग की लेकिन कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी। तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस की याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि तीस्ता पर पहले से ही दंगा पीड़तों के नाम पर फंड जुटा कर गड़बड़ी करने का मामला चल रहा है। उनका इस मामले में याचिका दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता और याचिका इसी आधार पर खारिज कर दी।

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