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    Census Of India: 2024 में भी जनगणना, एनपीआर की संभावना नहीं, इन दो वजहों से टल सकता है कार्यक्रम

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Thu, 01 Feb 2024 06:54 PM (IST)

    जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) इस साल भी शुरू होने की संभावना नहीं है क्योंकि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इसके लिए केवल 1277 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके लिए 2021-22 से 3768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे उसकी तुलना में यह काफी कम है। जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक की जानी थी।

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    2024 में भी जनगणना, एनपीआर की संभावना नहीं (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) इस साल भी शुरू होने की संभावना नहीं है, क्योंकि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इसके लिए केवल 1277 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके लिए 2021-22 से 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे उसकी तुलना में यह काफी कम है।

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    24 दिसंबर 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में 8,754.23 करोड़ रुपये की लागत से भारत की जनगणना 2021 आयोजित करने और 3,941.35 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक देशभर में की जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दी गई थी।

    जनगणना का काम अभी रुका हुआ है

    जनगणना का काम अभी भी रुका हुआ है और सरकार ने अभी तक नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि इस साल आम चुनाव होने हैं, इसलिए जनगणना 2024 में होने की संभावना नहीं है। अंतरिम बजट के अनुसार, जनगणना सर्वेक्षण और सांख्यिकी के लिए 1277.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

    इस बार की जनगणना डिजिटली की जाएगी

    अधिकारियों ने कहा कि पूरी जनगणना और एनपीआर प्रक्रिया पर सरकार को 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आने की संभावना है। अब जब भी जनगणना होगी, वह डिजिटली की जाएगी। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। एनपीआर को उन नागरिकों के लिए अनिवार्य बना दिया गया है, जो सरकारी गणनाकर्ताओं के बजाय स्वयं जनगणना फार्म भरना चाहते हैं।

    जनगणना प्राधिकरण ने स्व गणना पोर्टल डिजाइन किया

    इसके लिए जनगणना प्राधिकरण ने एक स्व गणना पोर्टल डिजाइन किया है, जिसे अभी लॉन्च नहीं किया गया है। स्व गणना के दौरान आधार या मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से एकत्र किया जाएगा। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय के अनुसार इस बार की जनगणना में 31 सवाल पूछे जाएंगे।

    लोगों ने पूछे जाएंगे ये सवाल

    इन सवालों में पूछा जाएगा कि परिवार के पास टेलीफोन लाइन है या नहीं, इंटरनेट कनेक्शन है या नहीं, मोबाइल या स्मार्टफोन है या नहीं, वाहन कौन सा है साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, मोपेड, कार, जीप या वैन।

    घर में कौन सा अनाज खाते हैं?

    साथ ही नागरिकों से यह भी पूछा जाएगा कि वे घर में कौन सा अनाज खाते हैं, पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत, प्रकाश का मुख्य स्त्रोत, शौचालय तक पहुंच, शौचालय का प्रकार, अपशिष्ट जल निकासी, स्नान सुविधा की उपलब्धता, रसोई और एलपीजी की उपलब्धता, पीएनजी कनेक्शन, खाना पकाने के लिए उपयोग किया जाने वाला मुख्य ईंधन, रेडियो, ट्रांजिस्टर, टेलीविजन आदि की उपलब्धता के बारे में।

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