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    Census of India: फोन से लेकर कार तक..., जनगणना में क्या-क्या पूछा जाएगा? अप्रैल 2026 से पहले चरण की शुरुआत

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 07:55 PM (IST)

    भारत में जनगणना का इंतजार अब खत्म होने वाला है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के अनुसार जनगणना का पहला चरण अगले साल 1 अप्रैल से शुरू होगा। इस दौरान घरों में मौजूद वाहन इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य सुख सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी। पहली बार डिजिटल जनगणना के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें जाति गणना भी शामिल होगी।

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    अप्रैल 2026 से जनगणना के पहले चरण की शुरुआत।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Census Of India: लंबे समय से जनगणना का इंतजार किया जा रहा था। अब वह इंतजार पूरा होने जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा पहले ही जनगणना कराने को लेकर गजट जारी कर किया जा चुका है। इस बार देश में होने वाली जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी।

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    इस बीच रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने का कहना है कि अगले साल 1 अप्रैल से जनगणना का पहला चरण शुरू किया जाएगा। इस दौरान लोगों से उनके घरों में मौजूद वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य सुख सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इस संबंध में सेंसस कमिश्नर और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भी लिखा है।

    जाति गणना भी की जाएगी

    बता दें कि ये पहली बार होगा जब देश में जनगणना का डाटा एकत्र करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। ये पहला मौका है जब देश में डिजिटल जनगणना कराई जानी है। वहीं, सरकारी बयान में कहा गया है कि जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी। जनगणना गतिविधियों के लिए 34 लाख से अधिक गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे।

    पहले चरण की जनगणना में क्या होगा?

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले चरण में समान का सूचीकरण किया जाएगा। इसके तहत लोगों की आवासीय स्थिति, संप्तित और सुख सुविधा के सामानों की जानकारी एकत्र की जाएगी।

    वहीं, दूसरे चरण की जनगणना में घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यकीय, सामाजिक, आर्थिक और अन्य जानकारियों को एकत्र किया जाएगा। इसको पॉपुलेशन एन्यूमरेशन (पीई) कहा जाएगा। जनगणना का दूसरा चरण 1 फरवरी, 2027 को निर्धारित है।

    पत्र में क्या लिखा गया?

    सेंसस कमिश्नर और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि तय समय से पहले सुपरवाइजर और अन्य जनगणना अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के काम का बंटवारा किया जाना चाहिए। यह काम जिला स्तर पर होना है। वहीं, 30 हजार जनगणना पदाधिकारियों को भी तैनात किया जाना है। ये अधिकारी जनगणना के दौरान मिली जानकारी का डाटा तैयार करेंगे। बाद में इसको डिजिटली फॉर्म में एकत्र करेंगे।

    पूछे जाएंगे तीन दर्जन सवाल

    बताया जा रहा है कि महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन प्रश्न तैयार किए हैं। जनगणना के दौरान घरों से फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टीवी, ट्रांजिस्टर) जैसी वस्तुओं के स्वामित्व के बारे में पूछा जाएगा।

    इसके अलावा नागरिकों से अनाज की खपत, पीने के पानी और प्रकाश के स्रोत, शौचालयों के प्रकार और उन तक पहुंच, अपशिष्ट जल निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाएं, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा।

    वहीं, पूछा जाएगा कि उन्होंने छत, दीवारों और फर्श पर कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया है। घर में कितने सदस्य रहते हैं। घर में कुल कितने कमरे हैं। घर में विवाहित दंपती की संख्या कितनी है इसके अलावा कुछ अन्य प्रश्न भी पूछ जा सकते हैं। (इनपुट पीटीआई के साथ)

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