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    Cement Manufacturing: 2027 तक 1.2 लाख करोड़ का निवेश करेंगी सीमेंट कंपनियां, उत्पादन क्षमता में वृद्धि

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 18 Mar 2023 12:03 AM (IST)

    बुनियादी ढांचे में सरकार की महत्वाकांक्षी निवेश योजनाओं के कारण उम्मीद है कि सीमेंट क्षेत्र में तेज़ी रहेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2027 तक सीमेंट कंपनियां 1.2 लाख करोड़ का निवेश करेंगी और इससे देश में सीमेंट उत्पादन क्षमता में 145-155 मीट्रिक टन की बढ़ोतरी होगी। File Photo

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    2027 तक 1.2 लाख करोड़ का निवेश करेंगी सीमेंट कंपनियां।

    मुंबई, पीटीआई। घरों की बढ़ती मांग और बुनियादी ढांचे में सरकार की महत्वाकांक्षी निवेश योजनाओं के कारण उम्मीद है कि सीमेंट क्षेत्र में तेज़ी रहेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2027 तक सीमेंट कंपनियां 1.2 लाख करोड़ का निवेश करेंगी और इससे देश में सीमेंट उत्पादन क्षमता में 145-155 मीट्रिक टन की बढ़ोतरी होगी। सीमेंट की कुल मांग में से 60-65 प्रतिशत हिस्सा घर बनाने पर खर्च होता है। भारत की सीमेंट उत्पादन क्षमता 570 मिलियन टन है और चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है।

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    अगर हाल के वर्षों की बात की जाए तो वित्त वर्ष 2012 और 2023 के बीच देश में सीमेंट उत्पादन क्षमता 353 मीट्रिक टन से बढ़कर 570 मीट्रिक टन हो गई। इस तरह इसमें 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। आगे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 और 2027 के बीच इसमें 145-155 मीट्रिक टन की वृद्धि होगी। इस दौरान इस क्षेत्र में 1.2 लाख करोड़ रुपए का संभावित पूंजीगत व्यय होगा।

    उत्पादन-बिक्री बढ़ाने की रणनीति

    भविष्य में मजबूत मांग बनी रहने की संभावना और ज्यादातर छोटी एवं आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों के अधिग्रहण को देखते हुए बड़े उत्पादक अब नई कंपनियां खरीदने के बजाय अपनी कंपनी का उत्पादन और बिक्री बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।

    इसके अलावा कोविड-19 के बाद मांग और लाभ में वृद्धि होने से कंपनियां अब नई परियोजनाओं में निवेश करने की स्थिति में हैं। इससे पहले वित्त वर्ष 2013 और 2017 के दौरान मध्यम आकार के सीमेंट उत्पादकों ने धड़ाधड़ छोटी कंपनियां खरीदीं। हालांकि, वित्त वर्ष 2018 से अल्ट्राटेक सीमेंट के नेतृत्व में बड़े उत्पादकों ने छोटी कंपनियों को खरीदना शुरू किया।

    ग्राइंडिंग इकाइयों को तरजीह

    रिपोर्ट के अनुसार, नई परियोजनाओं में सीमेंट कंपनियां ग्राइंडिंग इकाइयों को प्राथमिकता देंगी। सीमेंट में ढुलाई चूंकि व्यय का मुख्य हिस्सा है, इसलिए कंपनियां बाजार में पहुंच बढ़ाने और ढ़ुलाई लागत कम करने के लिए सीमेंट उपयोग केंद्रों के आसपास अधिकाधिक ग्राइंडिंग इकाइयां लगा रही हैं।