CBSE ने सहायक की मदद से पेपर देने वाले दिव्यांगों को Exam में शामिल नहीं होने का दिया विकल्प
सीबीएसई ने किसी सहायक की मदद से परीक्षा देने वाले 10वीं 12वीं के दिव्यांग विद्यार्थियों को एक बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education यानी CBSE) ने किसी सहायक की मदद से परीक्षा देने वाले 10वीं, 12वीं के दिव्यांग विद्यार्थियों को एक बड़ी राहत दी है। सीबीएसई ने इन विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल नहीं होने का विकल्प दिया है। हालांकि बोर्ड ने कहा है कि इन विद्यार्थियों के रिजल्ट वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के अनुसार ही घोषित किए जाएंगे। CBSE ने यह फैसला कोरोना संकट को देखते हुए लिया है। CBSE का कहना है कि यदि दिव्यांग विद्यार्थी किसी सहायक के साथ परीक्षा देने आते हैं तो कोरोना से निपटने के लिए जरूरी सामाजिक दूरी के नियम का अनुपालन नहीं कराया जा सकेगा।
मालूम हो कि कोरोना संकट के चलते रद की गई बोर्ड की परीक्षाएं अब एक से 15 जुलाई के बीच आयोजित कराई जानी हैं। ऐसे में CBSE की ओर से दिव्यांग विद्यार्थियों को यह बड़ी सहूलियत दी गई है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि सहायक की मदद से परीक्षा देने वाला कोई दिव्यांग छात्र आने वाली परीक्षाओं में शामिल नहीं होना चाहता है तो वह अपने संबंधित स्कूल (जहां से छात्र का रजिस्ट्रेशन हुआ है) को इस बारे में सूचित कर सकता है। अधिकारी ने बताया कि इन विद्यार्थियों के रिजल्ट बोर्ड द्वारा वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के मुताबिक घोषित किए जाएंगे।
ज्ञात हो कि दिव्यांगों के अधिकारों से जुड़े 2016 अधिनियम (Rights of Persons with Disabilities Act, 2016) के तहत बोर्ड ऐसे छात्रों को परीक्षा के दौरान कई प्रकार की सहूलियतें देता है। अधिकारी ने यह भी बताया बोर्ड ने इस साल से सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी (CWSN category) के तहत पंजीकृत विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय, सहायक, कंप्यूटर या लैपटॉप (बिना इंटरनेट) लाने के साथ कैलकुलेटर लाने की भी इजाजत दे दी है।
इस साल दृष्टिबाधित (visually impaired), डिस्लेक्सिक्स (dyslexics), मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (muscular dystrophy), स्पैस्टिक्स (spastics), लोकोमोटर (locomotor impairment) एवं अन्य सहित चिल्ड्रन विद स्पेशल नीड्स यानी सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के तहत 10वीं में 6,844 और 12वीं में 3,718 विद्यार्थी हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, देश में 12वीं की परीक्षाएं पूरे देश में आयोजित कराई जाएंगी लेकिन 10वीं की परीक्षाएं केवल उत्तर पूर्व दिल्ली में ही होनी है। दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते आयोजित नहीं कराई जा सकी थीं।