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    जानिए क्या होती है CBSE के पेपर सेट करने की प्रक्रिया, जिसकी चूक 22 लाख छात्रों पर पड़ी भारी

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Thu, 29 Mar 2018 05:19 PM (IST)

    यहां हम बताएंगे कि सीबीएसई के पेपर सेट करने की प्रक्रिया क्या रहती है और इस बार कहां चूक हुई। सीबीएसई हर साल तीन-चार अलग-अलग रिसॉर्स पर्सन से पर्चा सेट करवाता है।

    जानिए क्या होती है CBSE के पेपर सेट करने की प्रक्रिया, जिसकी चूक 22 लाख छात्रों पर पड़ी भारी

    नई दिल्ली [ जेएनएन ]। सीबीएसई की प्रतिष्ठा को उस समय तगड़ा झटका लगा जब खुलासा हुआ कि पेपर लीक के कारण 10वीं गणित और 12वीं अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा होगी। इसका सीधा असर 22 लाख छात्रों पर पड़ा है। यहां हम बताएंगे कि सीबीएसई के पेपर सेट करने की प्रक्रिया क्या रहती है और इस बार कहां चूक हुई।

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    सीबीएसई हर साल तीन-चार अलग-अलग रिसॉर्स पर्सन से पर्चा सेट करवाता है। यह रिसॉर्स पर्सन कोई सीबीएसई प्रोफेसर हो सकता है तो किसी स्कूल की फैकल्टी भी हो सकती है। इनकी पहचान उजागर नहीं की जाती है।

    पर्चा हाथ से लिखकर नहीं, बल्कि प्रिंट के साथ सीलबंद लिफाफे में रखकर सीबीएसई को भेजे जाते हैं। ये पेपर सीबीएसई के उन अधिकारियों के पास जाते हैं, जो डिफिकल्टी लेवल जांचते हैं। इसके बाद अनुवाद होता है और फाइनल पेपर प्रिंट होते हैं। इसके बाद स्टोरेज में रखे जाते हैं।

    परीक्षा वाले दिन ये पेपर्स उठाए जाते हैं और परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए जाते हैं, जहां सील तोड़कर बच्चों में बांटे जाते हैं।

    ...तो इस बार क्या गलत हुआ

    आमतौर पर सीबीएसई पेपर्स का चार सेट तैयार करवाता है। ये चार सेट दिल्ली, शेष भारत, विदेशों में स्थित स्कूलों के लिए होते हैं और चौथा सेट अतिरिक्त रहता है।

    पेपर लीक होने या कोई दूसरी समस्या आने पर यह चौथा सेट इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह हर जोन को तीन अलग-अलग सेट मिलते हैं, लेकिन इस बार देश के सभी जोन पर एक ही सेट भेजा गया। यदि ऐसा नहीं किया गया होता तो शायद आज दोबारा परीक्षा की नौबत नहीं आती।

    प्रधानमंत्री भी नाराज, सख्त कार्रवाई के निर्देश

    मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है और जांच शुरू हो गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई के पेपर लीक होने पर गहरी नाराजगी जताई है और इस मसले पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से बात करते सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

    बता दें कि सीबीएसई दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू हुईं थीं। 12वीं के विद्यार्थियों ने 26 मार्च को अर्थशास्त्र की परीक्षा दी थी, जबकि 28 मार्च को 10वीं के विद्यार्थियों ने गणित की परीक्षा दी थी, लेकिन दोनों विषयों के प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इसके बाद सीबीएसई ने परीक्षा की शुचिता और छात्रों के हितों का ध्यान रखते हुए दोनों विषयों की परीक्षा रद कर फिर से कराने का निर्णय लिया। इससे पहले भी 12वीं एकाउंटेंसी का पेपर भी लीक होने की बात कही गई थी, लेकिन बोर्ड ने इसे अफवाह बताया था।

    यह भी पढ़ें: पेपर लीक: CBSE अफसर पहले से जानते थे आरोपी कौन? PM की नाराजगी के बाद छापेमारी तेज

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