Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सजा दिलाने की दर 2022 तक 75 फीसद तक ले जाएंगे- CBI

    By Pooja SinghEdited By:
    Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:29 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआइ (CBI) की सफलता दर कम होने को लेकर की गई टिप्पणी के बाद जांच एजेंसी ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर सूचित किया है कि उसकी सजा दिलाने की दर 65 से 70 प्रतिशत है।

    Hero Image
    सजा दिलाने की दर 2022 तक 75 फीसद तक ले जाएंगे- CBI

    नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआइ (CBI) की सफलता दर कम होने को लेकर की गई टिप्पणी के बाद जांच एजेंसी ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर सूचित किया है कि उसकी सजा दिलाने की दर 65 से 70 प्रतिशत है और वह इसे अगस्त, 2022 तक बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रयास करेगी। हलफनामे में सीबीआइ के निदेशक एसके जायसवाल ने कहा कि वर्ष 2020 में सजा दिलाने की दर 69.83 प्रतिशत थी और 2019 में यह 69.19 प्रतिशत थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जायसवाल ने कहा कि सीबीआइ निदेशक का पदभार संभालने के तत्काल बाद अक्टूबर, 2021 में उन्होंने एक बड़ा कदम यह उठाया कि अभियोजन निदेशालय में सुधार के लिए सभी सहायक लोक अभियोजकों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की।

    इसका मकसद अगस्त, 2022 तक सजा दिलाने की मौजूदा दर को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक ले जाना था। सीबीआइ ने शीर्ष कोर्ट से कहा कि वर्ष 2020 व 2021 में जांच एजेंसी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद सिस्टम की गहन समीक्षा की गई। इसमें अदालत में केस फाइल करने से लेकर उच्च अदालतों में दायर की जाने वाली अपीलों से संबंधित मामलों की निगरानी को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गईं।

    वहीं बीते दिन यानी 21 अक्टूबर 2021 को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था एजेंसी की जांच के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के सामान्य सहमति वापस लिए जाने का फैसला न सिर्फ जांच के लिए बल्कि मामलों के अभियोजन के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो रहा है।

    सीबीआइ निदेशक एसके जायसवाल ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि आठ राज्य सरकारों- बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मिजोरम ने सामान्य सहमति वापस ली है। उन्होंने कहा कि अब हर मामले के आधार पर विशेष सहमति प्राप्त करने में काफी समय लगता है और कई बार समयबद्ध एवं त्वरित जांच के लिए हानिकारक भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि इन राज्य सरकारों को भेजे गए 150 अनुरोधों में से सिर्फ 18 फीसद को ही मंजूरी प्रदान की गई है और लंबित मामलों में ज्यादातर बैंक धोखाधड़ी से जुड़े हुए हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner