सीबीआइ ने केरल हाई कोर्ट कहा, इसरो मामले में चार को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी
ISRO CASE इस अभियान के पीछे मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए आरोपितों से पूछताछ जरूरी है। जस्टिस अशोक मेनन के सामने सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने यह दलील दी ।
कोच्चि, प्रेट्र। सीबीआइ ने केरल हाई कोर्ट में तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों और गुप्तचर ब्यूरो (आइबी) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की इसरो साजिश मामले में अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। जांच एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान की आइएसआइ जैसी विदेशी खुफिया एजेंसियों ने भारत में क्रायोजेनिक तकनीक के विकास को बेपटरी करने की साजिश रची थी।
इस अभियान के पीछे मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए आरोपितों से पूछताछ जरूरी है। जस्टिस अशोक मेनन के सामने सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने यह दलील दी।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि मामला गंभीर है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है। यह भी दलील दी गई कि आरोपित पुलिस अधिकारी एस. विजयन, थांपी एस.दुर्गादत्त और आरबी श्रीकुमार और सेवानिवृत्त आइबी अधिकारी पीएस जयप्रकाश को किसी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि मामला अभी जांच के महत्वपूर्ण मोड़ पर है।
अग्रिम जमानत के लिए दायर की थी याचिका
बता दें कि केरल हाई कोर्ट ने इस मामले में अलग-अलग तारीखों पर केरल पुलिस के पूर्व अधिकारियों- आरबी श्रीकुमार, एस विजयन और थंपी एस दुर्गादत्त- तथा खुफिया ब्यूरो के पूर्व अधिकारी पीएस जयप्रकाश को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। इन सभी ने सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इन चारों के अलावा 1994 के जासूसी मामले में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गिरफ्तारी और हिरासत के सिलसिले में जांच एजेंसी द्वारा दर्ज मामले में 14 अन्य लोगों को आपराधिक साजिश, अपहरण, साक्ष्यों से छेड़छाड़ जैसे विभिन्न आरोपों के तहत भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया गया था।