Interpol Database ICSE: इंटरपोल के बाल यौन शोषण डाटाबेस से जुड़ी CBI, बच्चों को आनलाइन अपराध से बचाने को मिला नया हथियार
CBI इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (Interpol Database ICSE) डाटाबेस से जुड़ गई है। इससे जांच सीबीआइ को विशेष साफ्टवेयर का उपयोग कर इंटरनेट पर उपलब्ध आडियो-विजुअल क्लिप के जरिये अपराध करने वालों की पहचान करने में आसानी होगी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सीबीआइ चुनिंदा देशों के लिए उपलब्ध इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आइसीएसई) डाटाबेस से जुड़ गई है। इससे जांच एजेंसी को विशेष साफ्टवेयर का उपयोग कर इंटरनेट पर उपलब्ध आडियो-विजुअल क्लिप के जरिये अपराध करने वालों, पीडि़तों और अपराध स्थल की पहचान करने में आसानी होगी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया, भारत इंटरपोल के 295 सदस्यों में से इस डाटाबेस और साफ्टवेयर तक पहुंच रखने वाला 68वां देश है।
अब यह डाटाबेस सीबीआइ के पास भी उपलब्ध होगा। यह डाटाबेस एक खुफिया और खोजी साधन है। यह दुनिया भर में प्रतिदिन औसतन सात बाल पीडि़तों की पहचान करने में मदद करता है। इसके लिए यह इंटरनेट मीडिया और विभिन्न स्त्रोतों द्वारा सामने आने वाले आडियो-विजुअल क्लिप का उपयोग करता है।
अब तक इसने बाल शोषण के 30 हजार से अधिक पीडि़तों और 13 हजार से अधिक अपराधियों की पहचान की है। इंटरपोल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आइसीएसई) डाटाबेस बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसईएम) का विश्लेषण करने और पीडि़तों, अपराधियों और स्थानों के बीच संबंध बनाने के लिए वीडियो और फोटो के बीच तुलना करता है।
डाटाबेस विशेष जांचकर्ताओं को बाल यौन शोषण के मामलों पर जानकारी साझा करने की भी अनुमति देता है। फोटो और वीडियो के बीच तुलना के लिए साफ्टवेयर का उपयोग करके जांचकर्ता पीडि़तों और अपराध के स्थानों की पहचान कर अपराधियों को पकड़ सकते हैं। इंटरपोल के अनुसार, भारत में 2017-20 के दौरान तीन साल की अवधि में आनलाइन बाल यौन शोषण के 24 लाख से अधिक मामले सामने आए। इनमें 80 प्रतिशत पीडि़त 14 साल से कम उम्र की लड़कियां हैं।
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