एयर इंडिया विमान खरीद घोटाले में सीबीआइ को छह माह की मोहलत
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई अनियिमितता के लिए तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को जिम्मेदार ठहराया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। एयर इंडिया के विमान खरीद घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को छह माह की मोहलत दी है। हालांकि एजेंसी ने दो साल का समय जांच पूरा करने के लिए मांगा था, लेकिन अदालत ने कहा कि जांच दिनों में पूरी हो न कि सालों में।
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व यूयू ललित की बेंच उस याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक स्वयं सेवी संस्था ने आरोप लगाया था कि 111 विमानों की खरीद व उन्हें किराए पर लेने के मामले में घपला हुआ। 70 हजार करोड़ की लागत से खरीद की गई थी।
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई अनियिमितता के लिए तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को जिम्मेदार ठहराया गया है। संस्था का कहना है कि पटेल ने निजी विमान कंपनियों को फायदा देने के लिए नियमों में तोड़मरोड़ की। संस्था का यह भी कहना है कि पटेल ने एयर इंडिया को बाध्य किया कि वह एक हजार करोड़ की लागत से बायोमीट्रिक सिस्टम खरीदे। इस काम में भी गोलमाल हुआ। कनाडा की अदालत ने एक व्यक्ति को सजा भी सुनाई जिसने मंत्री को रिश्वत दी थी।
संस्था ने दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की जांच सीबीआइ से कराने की याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सीबीआइ जून तक जांच पूरी करके अदालत में रिपोर्ट दाखिल करे।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने एजेंसी को फटकार लगाते हुए कहा कि पिछले आदेश को एक साल पूरा होने को है और आप अब भी समय मांग रहे हैं। एजेंसी का कहना था कि मामले में कई आरोपी विदेश में हैं। उन्हें जांच में शामिल होने का नोटिस दिया गया है। तब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप हमे कोई अंतिम समय सीमा बताएंगे, जिसमें जांच पूरी कर ली जाए। गौरतलब है कि 2005-06 के दौरान विमानों की खरीद व उन्हें लीज पर लेने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सितंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ व केंद्र को नोटिस दिया था।
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