Caste Census Data 2027: हो गया तारीख का एलान, आजादी के बाद पहली बार होगा जातिगत गणना; पढ़ें कब और कैसे होगी जनगणना
Caste Census Data 2027 कोविड महामारी के कारण रुकी हुई जनगणना अब 2027 में होगी जिसमें जातिवार गणना भी शामिल होगी। सरकार ने जनगणना की तारीखों का एलान कर दिया है जिसकी अधिसूचना 16 जून को जारी होगी। पहले चरण में मकानों का सूचीकरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2026 तक होगा और दूसरा चरण 9 फरवरी 2027 से शुरू होगा।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोविड महामारी के कारण रुकी हुई 2021 की जनगणना अब 2027 (Caste Census Data 2027) में होगी। जनगणना के साथ ही आजादी के बाद पहली बार जातिवार गणना भी होगी। सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक रूप से जनगणना की तारीखों का एलान कर दिया है। इसके लिए राजकीय अधिसूचना 16 जून को जारी की जाएगी।
एक अप्रैल से 30 सितंबर तक मकानों का सूचीकरण किया जाएगा
गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जनगणना की समय सारिणी 2011 की पूर्व समय सारिणी के अनुरूप रखी गई है। जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में 2026 में एक अप्रैल से 30 सितंबर तक मकानों का सूचीकरण किया जाएगा। इसके बाद, जनगणना का दूसरा चरण नौ फरवरी 2027 को शुरू होगा और यह एक मार्च की रात 12 बजे तक चलेगा। 2011 की जनगणना भी इन्हीं तिथियों के बीच हुई थी।
इन राज्यों में 1 अक्टूबर तक होगी जनगणना
फरवरी 2027 में होने वाली जनगणना में लोगों की जातियों की जानकारी भी ली जाएगी। इसके लिए जनगणना पोर्टल में विशेष कालम बनाया गया है। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी को देखते हुए यहां जनगणना एक अक्टूबर की रात 12 बजे तक होगी। यहां बता दें कि दैनिक जागरण ने 17 सितंबर 2024 के अंक में खबर प्रकाशित की थी कि 2027 से पहले जनगणना संभव नहीं है।
अक्टूबर 2019 में मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया था
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पूरे देश में 33 लाख से अधिक जनगणना कर्मियों की आवश्यकता होगी, जिनके प्रशिक्षण की शुरुआत इस साल अक्टूबर में हो सकती है। 2021 की जनगणना के लिए अक्टूबर 2019 में मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया था, जिन्हें बाद में अपने-अपने राज्यों में जनगणना कर्मियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। छह साल बाद, कई जनगणना कर्मियों के सेवानिवृत्त होने और जातिवार गणना जैसे नए आयाम जुड़ने के कारण नए सिरे से प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी।
2027 की जनगणना में आधुनिक भारत की झलक भी देखने को मिलेगी। यह पहली बार होगा जब जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी और सभी आंकड़े इलेक्ट्रानिक टैबलेट पर जुटाए जाएंगे। जनगणना कर्मियों को निर्धारित स्थान पर जाकर आंकड़े जुटाने के लिए इन टैबलेट का जियो फेंसिंग किया जाएगा। जियो फेंसिंग के माध्यम से आंकड़े तभी भरे जा सकेंगे जब कर्मी उस स्थान पर उपस्थित होंगे। डिजिटल प्रक्रिया के कारण आंकड़े जल्दी उपलब्ध होंगे, जिससे सरकारें अपनी नीतियों का निर्धारण कर सकेंगी।
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