'पहली नजर में आप भ्रष्ट व्यक्ति', पार्थ चटर्जी से SC ने कहा- समाज में क्या संदेश जाएगा, आपको सोचना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। यह मामला कथित कैश-फॉर-स्कूल-जॉब घोटाले से जुड़ा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। पार्थ सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में है।

राज्य ब्यूरो/पीटीआई, कोलकाता/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी से कहा कि पहली नजर में तो आप भ्रष्ट व्यक्ति हैं। आपके परिसरों से करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं। चटर्जी को राज्य में कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अदालत ने ईडी से कहा कि चटर्जी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता।
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने चटर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से यह भी कहा कि आप हमसे समाज को क्या संदेश दिलवाना चाहते हैं? भ्रष्ट व्यक्ति इस तरह जमानत पा सकता है। रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल को छोड़कर मामले के सभी सह-अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है।
आप दूसरों से तुलना नहीं कर सकते
पीठ ने कहा कि हर व्यक्ति मंत्री नहीं था। आप शीर्ष पर थे। आप दूसरों से तुलना नहीं कर सकते। आप जांच में देरी और अभियोजन की भूमिका पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन मामले के गुण-दोषों पर नहीं। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अगर चटर्जी को इस मामले में जमानत मिल भी गई तो वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे क्योंकि उनके विरुद्ध सीबीआइ के भी मामले हैं।
अधिकारों में संतुलन बनाना होगा
रोहतगी ने उनकी इस दलील पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह परपीड़ा में आनंद लेने जैसा है। दूसरे मामलों में जो भी होगा वह मुझे देखना है। मुझे कहीं से तो शुरुआत करनी होगी। वह किस तरह की दलील दे रहे हैं। मेरा मुवक्किल ढाई वर्ष से जेल में है। जस्टिस कांत ने राजू से पूछा कि जांच पूरी करने के लिए एजेंसी को कितना समय चाहिए क्योंकि अदालत को अधिकारों में संतुलन बनाना होगा।
विशेष अदालत से जमानत
कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शांतनु बंद्योपाध्याय को सशर्त जमानत दे दी। बंद्योपाध्याय पर आरोप है कि उसने शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य बिचौलियों में से एक के रूप में काम किया था। बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को सोमवार को कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने जमानत दी थी।
ईडी की चार्जशीट में नाम
ईडी के अधिकारियों ने मार्च 2023 में बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार किया था। उस समय बंद्योपाध्याय कोलकाता से सटे हुगली जिले में तृणमूल कांग्रेस का काफी प्रभावशाली नेता था। बंद्योपाध्याय की गिरफ्तारी के समय जांच अधिकारियों ने उसके आवास से महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे, जिसमें 17 जिलों के 346 उम्मीदवारों की सूची भी शामिल थी, जिन्होंने कथित तौर पर मोटी रकम चुकाकर स्कूल में नौकरी हासिल की थी।
बंद्योपाध्याय का नाम ईडी की चार्जशीट में भी था, जिसमें कहा गया था कि उसे अवैध तरीके से नौकरी दिलाने के लिए 1.39 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर मिले थे। उस पर कई खातों में रकम डायवर्ट करने का भी आरोप था, जो मनी लांड्रिंग का एक सामान्य मामला था।
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