CISF में घटी आत्महत्या करने वाले कर्मियों की संख्या, 6 साल में 2024 में सबसे कम रहा सुसाइड रेट
सीआईएसएफ की ओर से कर्मचारियों की परेशानियां दूर करने के लिए अपनाए गई कई जरूरी उपाय को आशाजनक परिणाम देखने को मिले हैं। साल 2024 में जवानों के सुसाइड रेट की दर पिछले छह साल में सबसे कम रही। गौरतलब है कि तनाव संबंधी समस्याओं से ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं। पढ़ें किन उपायों से ऐसे मामलों में आई है कमी।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने गुरुवार को बताया कि बीते छह वर्षों के दौरान 2024 में इसके आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों की संख्या सबसे कम रहीं। इसकी वजह कर्मचारियों की परेशानियों का दूर करने के लिए उठाए गए बेहतर कदम हैं।
सीआईएसएफ के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष यानी 2024 में इसके 15 कर्मचारियों की मौत आत्महत्या की वजह से हुई। ताजमहल, लाल किला, संसद भवन, दिल्ली मेट्रो समेत देशभर के 359 हवाई अड्डों, ऐतिहासिक धरोहरों, परमाणु और सरकारी संस्थानों आदि जैसे संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मचारियों की संख्या 1.51 लाख से ज्यादा है।
सुसाइड रेट में आई कमी
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023 में इसके 25 कर्मचारियों ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी, जबकि 2022 में यह संख्या 26 थी। वहीं, 2021 में 21, वर्ष 2020 में 18 और 2019 में 17 कर्मचारियों ने खुदकुशी करके अपना जीवन समाप्त कर लिया। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि सीआईएसएफ ने इस चुनौती से निपटने के लिए कई विश्वसनीय कदम उठाने के साथ सक्रिय उपाय लागू किए हैं, जिनसे 2024 में आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2022 में राष्ट्रीय आत्महत्या दर प्रति एक लाख व्यक्तियों में 12.4 की रही थी। इस लिहाज से सीआईएसएफ ने 2024 में महत्वपूर्ण ढंग से इसकी आत्महत्या दर में कमी करते हुए इसे 9.87 किया, जो कि 2023 की तुलना में 40 प्रतिशत से ज्यादा की कमी है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा 'अपने आदमी को जानो और उसकी सुनो' थीम पर कर्मचारियों के साथ करीबी जुड़ाव, योग और खेल द्वारा तनाव प्रबंधन, ऑनलाइन शिकायत निवारण, पिछले वर्ष से 4,200 कर्मियों की मानसिक स्वास्थ्य परेशानियों पर टेली-काउंसलिंग के आसान स्थानांतरण और तैनाती जैसी सुविधाओं के जरिये कर्मचारियों का ध्यान रखा जा रहा है।
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