पीएम मोदी के दौरे से पहले गड़बड़ी फैलाने का मामला, आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के एक कथित सदस्य को जमानत दे दी। इस शख्स पर पटना में 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ता ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के एक कथित सदस्य यह कहते हुए जमानत दे दी और कहा कि उसे बिना सुनवाई के अनिश्चितकाल के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता। उस पर पटना में 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे में गड़बड़ी फैलाने की साजिश का आरोप था।
कोर्ट ने कही ये बात
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने कहा कि गवाहों के बयान में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है जिससे प्रथम ²ष्टया उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए जा सकें। पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मुकदमा बहुत जल्द पूरा नहीं हो वाला।
इस अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए फैसलों को ध्यान में रखते हुए इस आरोपित को बिना सुनवाई के अनिश्चितकाल के लिए जेल में रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अगर ऐसा किया गया तो यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा। पीठ ने निर्देश दिया कि विशेष अदालत द्वारा तय की गई शर्तों के आधार पर उसे जमानत पर छोड़ा जा सकता है।
जानिए क्या है मामला
यह मामला अतहर परवेज से जुड़ा हुआ है, जिसे जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। अतहर ने नवंबर 2023 में पटना हाई कोर्ट द्वारा उसकी जमानत खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि एनआइए ने जनवरी 2023 में आरोप-पत्र दाखिल किया था, लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।

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