खालिस्तान समर्थकों पर कनाडा का ठंडा रवैया, भारत ने फिर चेताया; जयशंकर बोले- देश के हितों के लिए ठीक नहीं
कनाडा के खालिस्तान समर्थक संगठनों ने ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष आठ जुलाई 2023 को खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालने का एलान किया गया है। इसके लिए जो पोस्टर जारी किए गए हैं उसमें भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो स्थित महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव के फोटो लगाए गए हैं। साथ ही उनके लिए आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भारत की तरफ से बार-बार आगाह करने के बावजूद ऐसा नहीं लगता कि कनाडा सरकार खालिस्तान समर्थक संगठनों व अतिवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर कोई गंभीरता दिखाने को तैयार है। खालिस्तान समर्थक संगठनों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि अब वे सीधे तौर पर कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर पोस्टर लगा रहे हैं और उनके जीवन के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
ठीक नहीं खालिस्तान समर्थन
हालात को सुधरते नहीं देख विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर कहा है कि कट्टर खालिस्तान समर्थक ना तो भारत के लिए सही है और ना ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया के हितों के लिए ठीक है। एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि कनाडा में हाल ही में खालिस्तान समर्थकों की तरफ से जो पोस्टर जारी किए गए हैं, उन्हें उसकी जानकारी है। जल्द ही इस मुद्दे को कनाडा सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया जैसे अपने साझेदार देशों से आग्रह किया है कि वे खालिस्तान समर्थकों को कोई जगह नहीं दें क्योंकि यह किसी भी देश के लिए ठीक नहीं है।
खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालने का एलान
कनाडा के खालिस्तान समर्थक संगठनों ने ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग के समक्ष आठ जुलाई, 2023 को खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालने का एलान किया है। इसके लिए जो पोस्टर जारी किए गए हैं, उसमें भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो स्थित महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव का फोटो लगाया गया है। उनके लिए आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई हैं। पोस्टर में कहा गया है कि यह रैली खालिस्तान समर्थक हरजीत सिंह नीज्जर की याद में निकाली जा रही है, जिसकी हत्या 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हुई थी।यह पहला मौका नहीं है जब कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थकों की तरफ से भारत को लेकर इस तरह का रवैया अपनाया जा रहा हो।
राजनीतिक वजहों से दिया जा रहा समर्थन
जून माह में ही पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या को लेकर एक प्रदर्शनी खालिस्तान समर्थक संगठनों ने की थी। इसमें उनकी हत्या को सही ठहराने की कोशिश की गई थी। पिछले वर्ष कनाडा के शहर ओनटारियो में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया गया था। इस बीच वहां के कई हिंदू मंदिरों पर भी आपत्तिजनक नारे लिख कर अपमानित करने की कोशिश की गई है। हर बार भारत ने कनाडा सरकार से कूटनीतिक स्तर पर विरोध जताया है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। हाल ही में भारत ने यहां तक कहा कि कनाडा में राजनीतिक वजहों से खालिस्तान मुद्दे को समर्थन दिया जा रहा है।