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    CAG ने की स्पेशल ऑडिट की तैयारी, इन 18 सरकारी कंपनियों की होगी जांच

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने शीर्ष 30 सरकारी कंपनियों के विशेष ऑडिट की तैयारी की है, जिसमें 18 गैर-सूचीबद्ध कंपनियां भी शामिल हैं। ऑडिट का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानदंडों का अनुपालन जांचना है। सीएजी पर्यावरण नियमों का पालन, बोर्ड संरचना और वित्तीय पारदर्शिता पर ध्यान देगा। रिपोर्ट संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी को सौंपी जाएगी।

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    सीएजी करेगा 30 पीएसयू का ऑडिट

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध शीर्ष 30 सरकारी क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) की विशेष ऑडिट की तैयारी की है। इस ऑडिट का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानदंडों के अनुपालन को परखना है।

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    इसमें 18 गैर-सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों पर भी गहन जांच होगी। सीएजी खास पर यह देखेगा कि पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन करने में सरकारी कंपनियां कितनी मुस्तैद हैं।पर्यावरण (ई) के तहत कंपनियों की कार्बन उत्सर्जन, जल प्रबंधन, वन संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण नीतियों की जांच होगी।

    सीएजी करेगा 30 पीएसयू का ऑडिट

    एस यानी सोशल (सामाजिक) पहलू में कर्मचारी कल्याण, लिंग समानता और सामुदायिक विकास योजनाओं का मूल्यांकन किये जाने की संभावना है। जबकि जी यानी गवर्नेंस (शासन) में बोर्ड संरचना, भ्रष्टाचार रोकथाम और वित्तीय पारदर्शिता पर नजर रखी जाएगी।

    सीएजी ने स्पष्ट किया कि यह ऑडिट डिजिटल टूल्स और थर्ड-पार्टी वेरिफिकेशन के माध्यम से की जाएगी और रिपोर्ट संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) को सौंपी जाएगी। यह घोषणा ऐसे समय आई है जब भारत में ईएसजी अनुपालन को लेकर वैश्विक दबाव बढ़ रहा है।

    सेबी के बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (बीआरएसआर) फ्रेमवर्क के तहत टॉप 1000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए ईएसजी डिस्क्लोजर अनिवार्य है, लेकिन कई पीएसयू अभी भी इससे छूट प्राप्त हैं। जुलाई, 2025 में सीएजी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि 20 दिग्गज पीएसयू में महिलाओं के निदेशक न होने और बोर्ड संरचना में खामियां हैं।

    ईएसजी अनुपालन की होगी जांच

    इसे इनकी कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठे हैं। भारत के डिप्टी सीएजी (कमर्शियल व रिपोर्ट सेंट्रल) ए. एम. बजाज ने बताया कि, 'इस तरह की ऑडिटिंग सेसरकारी कंपनियों की पारदर्शिता बढ़ेगी और गवर्नेंस को लेकर इनका रिकार्ड बेहतर होगा।

    साथ ही भारत के सतत विकास लक्ष्यों को मजबूत करने में यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस तरह का कदम यह साबित करेगा कि सीएजी देश में बेहतर गवर्नेंस को लाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।'

    संसद को सौंपी जाएगी ऑडिट रिपोर्ट

    डिप्टी सीएजी बजाज ने इन कंपनियों के नाम तो नहीं बताए लेकिन इसमें एसबीआई, ओएनीजीसी, एनटीपीसी, बीपीसीएल और कोल इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल होंगी। इनमें से कई कंपनियां ऊर्जा सेक्टर से जुड़ी हुई हैं जिन्हें पर्यावरण के लिए काफी संवेदनशील माना जाता है।

    ये कंपनियां अपने स्तर पर पर्यावरण का पूरा ख्याल रखती हैं लेकिन सीएजी जैसी संवैधानिक एजेंसी की जांच होने से इनकी सतर्कता और बढ़ेगी। गैर-सूचीबद्ध 18 कंपनियों में भी मुख्य रूप से ऊर्जा, खनन और रक्षा क्षेत्र की इकाइयां होंगी। साथ ही कुछ राज्य स्तरीय कोयला उत्पादक और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स भी होंगे।