राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को कैबिनेट की मंजूरी, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध और विकास पर खर्च होंगे 6,000 करोड़
क्वांटम तकनीक क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है। यह परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की व्याख्या करती है। इस तकनीक की सहायता से डाटा और इन्फार् ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: क्वांटम तकनीक में भारत नई छलांग लगाने और दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। इस तरह भारत एक मिशन के रूप में क्वांटम तकनीक के विकास का कार्यक्रम घोषित करने वाला सातवां देश बन गया है। अमेरिका, चीन, कनाडा, आस्टि्रया, फिनलैंड और फ्रांस इस तरह का मिशन पहले शुरू कर चुके हैं।
फिल्मों की पाइरेसी पर लगेगी रोक
कैबिनेट ने इसके साथ ही पाइरेसी पर अंकुश लगाने और फिल्मों के वर्गीकरण का दायरा बढ़ाकर उसे आयु समूहों पर आधारित करने के लिए सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 को भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।2023-24 से 2030-31 तक चलने वाले क्वांटम मिशन पर आठ वर्षों में 6003.65 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि क्वांटम मिशन के रूप में डाटा के विकास और उसके ट्रांसफर के एक नए युग का आगाज हुआ है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान के लिए अभूतपूर्व छलांग (क्वांटम जंप) है।
देश के आर्थिक विकास को गति
तेज, सटीक और सुरक्षित डाटा संचार के बलबूते भारत क्वांटम प्रौद्योगिकी के मामले में विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने जा रहा है। इस मिशन की रूपरेखा जितेंद्र सिंह ने सामने रखी। उन्होंने बताया कि यह मिशन क्वांटम तकनीक पर आधारित आर्थिक विकास को गति देगा, देश में एक अनुकूल इकोसिस्टम विकसित करेगा और क्वांटम तकनीक व उसके प्रयागों के विकास का पूरा आधार तैयार करेगा। नए मिशन में सुपर कंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मीडियम क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने का लक्ष्य है।
नई तकनीक होगी विकसित
देश के भीतर दो हजार किलोमीटर की सीमा में ग्राउंड स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन, अन्य देशों के साथ लंबी दूरी का सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन, दो हजार किलोमीटर से अधिक के दायरे में अंतर शहरी क्वांटम नेटवर्क की स्थापना भी इस मिशन के अन्य पहलू हैं। यह मिशन परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नोमीटर विकसित करने में मदद करेगा। यह क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपर कंडक्टर्स, नए सेमीकंडक्टर और टोपोलाजिकल सामग्रियों की डिजाइन में भी मदद करेगा।
चार केंद्र होंगे स्थापित
जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलाजी व क्वांटम सामग्री एवं उपकरण के क्षेत्र में चार केंद्र बनाए जाएंगे। इन्हें चोटी के शैक्षणिक और शोध-अनुसंधान से जुड़े क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। इस मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवाओं के निर्माण और अंतरिक्ष तकनीक में बहुत लाभ होगा। यह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भी पूरा करने में मदद करेगा। इस मिशन का संचालन विज्ञान और तकनीक विभाग करेगा। इसमें एक मिशन निदेशक होंगे और उनकी सहायता के लिए एक गर्वनिंग बाडी होगी, जिसकी अध्यक्षता तकनीक और उद्योग के क्षेत्र के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक अथवा उद्यमी करेंगे।
अगले सत्र में आएगा पाइरेसी रोकने वाला बिल
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस विधेयक में फिल्म के प्रमाणन के लिए भी नए प्रविधान हैं। अभी तक किसी फिल्म को यू, ए और यूए श्रेणी में वर्गीकृत करने का प्रविधान रहा है, लेकिन प्रस्तावित विधेयक में आयु समूह के आधार पर फिल्मों का व्यापक वर्गीकरण होगा। यू का मतलब बिना प्रतिबंध के सभी के देखने योग्य होता है, जबकि ए श्रेणी केवल वयस्क दर्शकों के लिए है। इसी तरह यूए भी प्रतिबंधमुक्त सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए होता है, लेकिन 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे माता-पिता की निगरानी, परामर्श और सहमति से ही इसे देख सकते हैं।
सिनेमा उद्योग की आकांक्षाएं होंगी पूरी
अनुराग ठाकुर ने बताया कि विधेयक सिनेमा उद्योग की सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगा। तमाम पक्षों की ओर से यह मांग बहुत जोरदार तरीके से की जाती थी कि पाइरेसी पर अंकुश लगाने के लिए कुछ कारगर उपाय किए जाएं। सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक राज्यसभा में 2019 में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ा। अनुराग ठाकुर के मुताबिक, मसौदे में दुनिया के सबसे अच्छे तौर-तरीकों को शामिल किया गया है। हालांकि उन्होंने मसौदे का अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार संशोधन के तहत कुछ नए वर्गीकरण जोड़े गए हैं - यूए-7 प्लस, यूए-13 प्लस, यूए-16 प्लस।
क्या है क्वांटम तकनीक
क्वांटम तकनीक क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है। यह परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की व्याख्या करती है। इस तकनीक की सहायता से डाटा और इन्फार्मेशन को कम से कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है। क्वांटम कंप्यूटर की मदद से कंप्यूटिंग से जुड़े टास्क कम से कम समय में किए जा सकते हैं। क्वांटम कंप्यूटर्स क्वांटम टू लेवल सिस्टम (क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स) का उपयोग करके जानकारी संग्रहीत करते हैं। ये क्लासिकल बिट्स के विपरीत सुपर स्पेशल स्टेटस में तैयार किए जा सकते हैं। यह महत्त्वपूर्ण क्षमता क्वांटम कंप्यूटरों को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बेहद शक्तिशाली बनाती है।

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