बस की जितनी उम्र उतने समय के लिए दिया जाएगा परमिट, परिवहन विभाग नियमों में करने जा रहा बड़ा बदलाव
दिल्ली में, परिवहन विभाग अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर चलने वाली बसों के परमिट नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। अब बसों को रूट के लिए उतने ही समय का परमिट मिलेगा, जितनी उनकी संचालन की अनुमति है, यानी बस की उम्र। पहले परमिट पांच-पांच साल के लिए दिए जाते थे, जिससे कुछ बसों का परमिट 15 साल से अधिक के लिए भी हो जाता था।

परमिट नियमों में परिवहन विभाग करेगा बदलाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराज्यीय या राज्य के भीतर चलने वाली बसों के दिए जाने परमिट में परिवहन विभाग बदलाव करने की तैयारी में है। किसी बस को संबंधित रूट के लिए उतनी ही अवधि का परमिट दिया जाएगा जितनी बस की उम्र यानी संचालन के लिए अनुमति है।
उदाहरण के तौर पर कोई बस निर्माण से 15 वर्ष तक ही चल सकती है तो परमिट उतनी अवधि के लिए ही दिया जाएगा। अभी पांच-पांच वर्ष के लिए परमिट दिया जाता है, जिससे कुछ बसों का परमिट 15 वर्ष से अधिक अवधि के लिए भी हो जाता है, जबकि राज्य के भीतर कोई भी बस अधिकतम 15 वर्ष तक ही चल सकती है।
परमिट नियमों में परिवहन विभाग करेगा बदलाव
अंतरराज्यीय बसों के लिए यह सीमा 10 वर्ष ही है। बता दें, हाल ही में परिवहन सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर ऐसी 899 बसों की सूची सौंपी है जिनका परमिट 15 वर्ष से अधिक अवधि के लिए जारी है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि ये बसें परमिट के आधार पर अभी भी चल रही होंगी, इसलिए जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
बस की उम्र के अनुसार मिलेगा परमिट
इस पत्र के बाद परिवहन आयुक्त कार्यालय अब ऐसा नियम बनाने जा रहा है कि 15 वर्ष की अवधि तक के लिए ही बस परमिट जारी किया जाए। परिवहन आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि वाहन मालिक के नाम जारी किया जाता है, जिसमें रूट और बस नंबर का उल्लेख रहता है।
15 वर्ष से अधिक पुराने परमिट की होगी जांच
वाहन मालिक को पांच वर्ष के लिए परमिट इसलिए दिया जा रहा है कि बस की 15 वर्ष की उम्र पूरी होने पर वह उसी रूट पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से अनुमति लेकर दूसरी बस चला सकता है, अलग से परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होती।

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