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देश में खाद्यान्न की बंपर पैदावार, पर घटा गेहूं का उत्पादन; रबी सीजन की तेज गरमी से पतले हो गए गेहूं के दाने

चौथे अग्रिम अनुमान के आंकड़ों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि देश के किसानों और वैज्ञानिकं की कड़ी मेहनत का नतीजा है जिससे रिकार्ड उत्पादन हुआ है। समीक्षा वाले फसल वर्ष में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 13.29 करोड़ टन होने का अनुमान है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 08:23 PM (IST)
देश में खाद्यान्न की बंपर पैदावार, पर घटा गेहूं का उत्पादन; रबी सीजन की तेज गरमी से पतले हो गए गेहूं के दाने
कृषि मंत्री ने रिकार्ड पैदावार का श्रेय किसानों और वैज्ञानिकों को दिया

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फसल वर्ष 2021-22 में खाद्यान्न की बंपर पैदावार हुई है। जबकि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं उत्पादन में अपेक्षित कमी दर्ज की गई है। इस दौरान चावल, तिलहन व दलहनी फसलों में रिकार्ड उत्पादन हुआ है। खाद्य सुरक्षा के लिहाज से यह अच्छी खबर है। फसल वर्ष में कुल 31.57 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। कृषि मंत्रालय ने बुधवार को यहां चौथा अग्रिम अनुमान जारी किया है।

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यह अनुमान 2021 के जुलाई से जून 2022 तक की खरीफ व रबी सीजन वाली फसलों की पैदावार पर आधारित है। बीते रबी सीजन के दौरान फसल पकने के ठीक पहले अचानक बढ़े तापमान ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को झुलसा दिया, जिससे बालियों में दाने पकने की जगह सूखकर पतले हो गए। इससे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल प्रभावित हुई।

यही वजह है कि निर्धारित 11 करोड़ टन गेहूं की पैदावार के लक्ष्य के मुकाबले पैदावार 10.68 करोड़ टन हुई। यह पिछले फसल वर्ष 2020-21 के 10.95 करोड़ टन के मुकाबले भी कम है।

दलहनी और तिलहनी फसलों के साथ गन्ने का भी रिकॉर्ड उत्पादन

कृषि मंत्रालय के जारी चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चावल, मक्का, दलहनी और तिलहनी फसलों के साथ गन्ने का भी रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। चौथे अग्रिम अनुमान के आंकड़ों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि देश के किसानों और वैज्ञानिकं की कड़ी मेहनत का नतीजा है, जिससे रिकार्ड उत्पादन हुआ है। समीक्षा वाले फसल वर्ष में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 13.29 करोड़ टन होने का अनुमान है। जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में 12.44 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ था।

पोषक तत्वों वाली फसलों की पैदावार 5.13 करोड़ टन से घटकर 5.09 करोड़ टन रह गई है। दलहनी फसलों का उत्पादन पिछले फसल वर्ष 2020-21 के 2.55 करोड़ टन के मुकाबले रिकार्ड 2.77 करोड़ टन होने का अनुमान है।

दालों की आयात निर्भरता होगी कम

दालों की पैदावार बढ़ाने के उपायों का प्रभाव चौथे अनुमान में भी दिखा है। इससे दालों की आयात निर्भरता कम होगी। खाद्य तेलों की आयात निर्भरता कम करने के लिए सरकार तिलहनी फसलों की खेती को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन शुरु किया गया है। तिलहनी फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष के 3.59 करोड़ टन के मकाबले 3.77 करोड़ टन हो गया है। सरसों का रिकार्ड 1.77 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि गन्ने का उत्पदान 43.18 करोड़ टन हुआ है। जबकि कपास का उत्पादन 3.52 करोड़ गांठ (170 किग्रा) से कम होकर 3.12 करोड़ गांठ रह गया। 


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