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    तो जारी रहेगा बुलडोजर एक्शन... इन शर्तों का किया उल्लंघन तो लागू नहीं होगा सुप्रीम कोर्ट का आदेश

    Updated: Tue, 17 Sep 2024 06:11 PM (IST)

    देशभर में बुलडोजर कार्रवाई से पहले अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति कोई बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। मंगलवार को देश की शीर्ष अदालत ने एक अक्तूबर तक देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मगर कुछ ऐसी शर्ते हैं जिन पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं होगा। उल्लंघन होने पर सरकार बुलडोजर एक्शन ले सकती है।

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    इन शर्तों के उल्लंघन पर हो सकता बुलडोजर एक्शन। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अगली सुनवाई तक देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर अवैध रूप से घर गिराने का एक भी मामला सामने आया तो यह हमारे संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। 

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    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी आपके निर्माण पर सरकार बुलडोजर चला सकती है। दरअसल, अगर किसी ने कुछ शर्तों का उल्लंघन किया है तो उस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश लागू नहीं होगा। मंगलवार को सुनवाई के दौरान खुद शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट किया है।

    यहां लागू नहीं होगा सुप्रीम कोर्ट का आदेश

    न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों व जलाशयों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा। इससे स्पष्ट है कि अगर किसी ने इन स्थानों पर अतिक्रमण कर रखा है तो सरकार उनके खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई कर सकती है। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि उनका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों समेत अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा।

    तुषार मेहता बोले- एक कहानी गढ़ी जा रही

    सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि संपत्तियों के ध्वस्तीकरण को लेकर एक कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर पीठ ने कहा कि निश्चिंत रहें... बाहरी शोर हमें प्रभावित नहीं करता है। जस्टिस गवई ने कहा, "हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम अनधिकृत निर्माण के बीच में नहीं आएंगे। मगर कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं हो सकती।"

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