ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़े बदलाव की तैयारी में BSF, पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात होगा 'ड्रोन स्क्वाड्रन', ऐसे करेगा काम
भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एक ड्रोन स्क्वाड्रन तैयार कर रहा है। यह स्क्वाड्रन टोही निगरानी और हमलावर ड्रोन से लैस होगा और इसे पश्चिमी कमान मुख्यालय चंडीगढ़ से संचालित किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक के बाद बीएसएफ ने यह कदम उठाया है ताकि घातक यूएवी हमलों से सुरक्षा और चौकियों को मजबूत किया जा सके।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एक ''ड्रोन स्क्वाड्रन'' तैयार कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर से सीखे गए सबक के बाद इसने घातक यूएवी हमलों के खिलाफ अपनी सुरक्षा और चौकियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि विशिष्ट सीमा चौकियों पर तैनात इस स्क्वाड्रन में विभिन्न प्रकार के टोही, निगरानी और हमलावर ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और विशेष रूप से प्रशिक्षित जवान शामिल होंगे जो इन मशीनों को संचालित कर सकेंगे।
कहां से किया जाएगा नए स्क्वाड्रन का संचालन?
इस स्क्वाड्रन का संचालन चंडीगढ़ स्थित बीएसएफ के पश्चिमी कमान मुख्यालय में स्थित एक नियंत्रण कक्ष द्वारा किया जाएगा। बीएसएफ का मुख्य कार्य भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस बल की शक्तियों, कमजोरियों और खतरों की हाल ही में हुई समीक्षा के बाद इस इकाई के गठन का निर्णय लिया गया।
इन चौकियों पर किया जाएगा ड्रोन को तैनात
सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ ड्रोन स्क्वाड्रन को उत्तर में जम्मू से लेकर देश के पश्चिमी हिस्से में पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक फैली 2,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित कुछ निश्चित सीमा चौकियों पर तैनात किया जाएगा। यह स्क्वाड्रन विभिन्न प्रकार के छोटे एवं बड़े निगरानी, टोही तथा हमलावर ड्रोनों से लैस होगा, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसी किसी भी 'युद्ध जैसी स्थिति' या किसी भी ऑपरेशन के दौरान लॉन्च किया जाएगा।
बैचों नें जवानों को किया जा रहा प्रशिक्षित
लगभग दो-तीन जवानों की एक छोटी टीम को विशिष्ट सीमा चौकियों पर तैनात किया जाएगा। पहले स्क्वाड्रन के लिए कुछ ड्रोन और उपकरण खरीदे जा रहे हैं और इस कार्य के लिए चुने गए जवानों को बैचों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। सीमा चौकियों के बंकरों की छतों और दीवारों को मिश्र धातु की चादरों से मजबूत बनाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ड्रोन हमलों की आशंका वाली चौकियों को मजबूत करने के लिए कुछ और उपाय किए जा रहे हैं, हालांकि, उन्होंने परिचालन गोपनीयता का हवाला देते हुए विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। एक बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि यह बल चुनिंदा सीमा चौकियों पर ड्रोन-रोधी मशीनें तैनात करने के लिए रक्षा अनुसंधान और खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है ताकि सीमा पार से आने वाले ''अवांछित या सशस्त्र ड्रोन'' को निष्कि्रय किया जा सके।
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