जिसको पाने में लगते हैं 18 साल, उस मुकाम को पांच महीने में हासिल कर BSF महिला कांस्टेबल ने रचा इतिहास
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कांस्टेबल शिवानी ने मात्र पांच महीनों में हेड कांस्टेबल बनकर इतिहास रच दिया। उन्हें यह पदोन्नति 2025 में विश्व वुशु चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद मिली। महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने उन्हें सम्मानित किया। शिवानी का अगला लक्ष्य विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतना है और इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं। यह उपलब्धि बीएसएफ के इतिहास में पहली बार हुई है।

कांस्टेबल शिवानी को 5 महीने में पदोन्नति। इमेज सोर्स- @BSF_India
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के छह दशक के इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए एक युवा कांस्टेबल को बल में शामिल होने के मात्र पांच महीनों के भीतर बिना बारी के (आउट आफ टर्न) पदोन्नति मिली है। यह एक ऐसा मील का पत्थर है जो भारत के किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में पहले कभी नहीं देखा गया।
उत्तर प्रदेश में दादरी की रहने वाली एक बढ़ई की बेटी शिवानी ने बीएसएफ में इतनी तेजी से पहचान हासिल करने वाली पहली महिला कांस्टेबल के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। अधिकारियों के अनुसार, बीएसएफ कांस्टेबल को अगले पद पर पदोन्नत होने में आमतौर पर 15 से 18 वर्ष का समय लगता है। 21-वर्षीय शिवानी अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जो भारत के किसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सेवारत हैं।
कांस्टेबल शिवानी को 5 महीने में पदोन्नति
31 अगस्त से आठ सितंबर, 2025 तक ब्राजील में आयोजित 17वीं विश्व वुशु चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने की उल्लेखनीय उपलब्धि के बाद उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया है। बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने गुरुवार को यहां सीमा सुरक्षा बल के एक शिविर में कांस्टेबल शिवानी की खाकी वर्दी पर हेड कांस्टेबल का रिबन लगाया और उन्हें आउट आफ टर्न पदोन्नति प्रदान की।
यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महानिदेशक चौधरी ने युवा बीएसएफ खिलाडि़यों को उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों के लिए समय से पहले पदोन्नति देकर सम्मानित किया है, जो प्रतिभा को पोषित करने और उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए बल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 18 जुलाई, 2025 को महानिदेशक ने बीएसएफ कांस्टेबल अनुज (वुशु टीम के सदस्य) को एक खिलाड़ी के रूप में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आउट आफ टर्न हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति देकर सम्मानित किया था।
विश्व वुशु चैंपियनशिप में जीता रजत पदक
उन्होंने चीन के जियांगयिन में दसवें सांडा विश्व कप (इसे पहले संशो वुशु कप के नाम से जाना जाता था) में रजत पदक जीता था। बहरहाल, विगत दो दशकों में असाधारण प्रदर्शन के लिए समय से पहले पदोन्नति पाने वाली शिवानी दूसरी बीएसएफ कांस्टेबल बन गई हैं। बहुत ही कम लोगों को मिलता है ऐसा दुर्लभ अवसर : बीएसएफ महानिदेशक शिवानी के असाधारण प्रदर्शन की सराहना करते हुए महानिदेशक ने कहा, ''वह बीएसएफ की एक उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं। निश्चित रूप से यह एक दुर्लभ अवसर है जो बहुत कम लोगों को मिलता है। यह खिलाडि़यों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता है। आउट आफ टर्न पदोन्नति के प्रविधान का लाभ उठाकर वे अपनी सेवा में उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवारों और समग्र समाज के लिए भी लाभकारी होगा।''
महानिदेशक ने हेड कांस्टेबल का रिबन लगाया
अगला लक्ष्य विश्व कप, स्वर्ण पदक जीतने का प्रयास करूंगी : शिवानी पंजाब की 155वीं बटालियन की शिवानी ने बताया, ''मैंने सितंबर में आयोजित 2025 के विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। इस उपलब्धि के कारण मुझे आज हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति मिली है। मैं पांच महीने से सेवा में हूं। मैंने एक जून, 2025 को बीएसएफ ज्वाइन किया था। मैं सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे प्रशिक्षण लेती हूं, यानी कुल मिलाकर प्रतिदिन लगभग चार घंटे अभ्यास करती हूं। मेरा अगला लक्ष्य विश्व कप है और मैं उसकी तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करूंगी। मैं वहां स्वर्ण पदक जीतने का प्रयास करूंगी।''
(न्यूज एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)
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