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    संचार सेवा में अंग्रेजों के जमाने के कानून का होगा खात्मा, इंटरनेट मीडिया से लेकर OTT पर रहेगा सरकार का पहरा

    By JagranEdited By: Arun kumar Singh
    Updated: Thu, 22 Sep 2022 09:31 PM (IST)

    मसौदे के प्रस्ताव के मुताबिक व्हाट्सएप टेलीग्राम जैसे एप के साथ सभी ओटीटी को अपनी सेवा देने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इस प्रकार की सभी सेवाओं को टेलीकॉम सेवा के दायरे में लाया जाएगा। ओटीटी प्लेटफार्म भी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्‌र्क्चर का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।

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    इस कानून के लिए टेलीकॉम विभाग की तरफ से टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2022 का मसौदा जारी किया गया है

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंग्रेजों के जमाने के दो कानून इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885, इंडियन वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 के साथ दि टेलीग्राफ वायर्स एक्ट 1950 को समाप्त कर सरकार इन तीनों की जगह एक कानून लाने जा रही है। इस कानून के लिए टेलीकॉम विभाग की तरफ से टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2022 का मसौदा जारी किया गया है जिस पर 20 अक्टूबर तक स्टेकहोल्डर्स अपनी राय दे सकेंगे।

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    लाइसेंसस्पैम मैसेज पर होगी सख्ती

    मसौदे के प्रस्ताव के मुताबिक व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे एप के साथ सभी ओटीटी को अपनी सेवा देने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इस प्रकार की सभी सेवाओं को टेलीकॉम सेवा के दायरे में लाया जाएगा। अभी व्हाट्सएप के माध्यम से लोग वॉयस कॉलिंग से लेकर चैट तक कर रहे हैं, जिससे टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को नुकसान हो रहा है। ओटीटी प्लेटफार्म भी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्‌र्क्चर का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।

    टेलीकॉम कंपनियों को लेवल प्लेयिंग फील्ड देने के लिए लाइसेसिंग का प्रविधान लाया जा रहा है। लाइसेंस को वापस करने का भी प्रविधान होगा। स्पेक्ट्रम वितरण में और लचीलापन लाया जाएगा ताकि कोई भी इसका इस्तेमाल कर सके। यूजर्स को स्पैम मैसेजिंग से पूरी तरह मुक्ति देने का मसौदे में जिक्र किया गया है। इस मामले में पूरी सख्ती बरती जाएगी और बिना यूजर्स की इजाजत के उन्हें कोई भी स्पैम या विज्ञापन वाले मैसेज नहीं भेजे जा सकेंगे।

    देश हित में या आपातकाल में किसी भी संचार को रोकने का होगा सरकार के पास अधिकार

    बिना सरकारी इजाजत के जैमर जैसे उपकरण के इस्तेमाल पर जुर्माना लिया जाएगा। मसौदे की सबसे खास बात है कि राष्ट्रहित या देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सरकार को सभी संचार सेवा को सीमित समय के लिए रोकने का अधिकार होगा और सार्वजनिक हित में सरकार किसी भी मैसेज या टेक्स्ट को देख सकेगी और उसे ले सकेगी।

    केंद्र के साथ राज्य सरकार और सरकारी विभागों को इस प्रकार की कार्रवाई का अधिकार होगा। मसौदे में यूजर्स के कर्तव्यों का भी जिक्र किया गया है। यूजर्स से कहा गया है कि वे मितव्ययी तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल करे और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले काम न करे।

    यूजर्स को मिलेगी पूरी सुरक्षा

    टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह मसौदा सरकार और उद्योग के बीच संवाद वाला फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रयास है, ताकि सरकार उद्योग जगत की चिंता को समझ सके और उद्योग जगत भी सरकार की जरूरतों को समझ सके। वैष्णव ने कहा कि यह यूजर्स की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे सोशल मीडिया जिंदगी को नए फ्रेमवर्क में लाने की जरूरत है।