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    CBI: आयकर विभाग के फेसलेस एसेसमेंट में सेंध, सीबीआई के 18 स्थानों पर छापे

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 11:30 PM (IST)

    आयकर विभाग में भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए शुरू की गई फेसलेस एसेसमेंट योजना में ही सेंधमारी हो गई। आयकर महानिदेशक से मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ...और पढ़ें

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    आयकर विभाग में भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए शुरू की गई फेसलेस एसेसमेंट योजना में ही सेंधमारी हो गई

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आयकर विभाग में भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए शुरू की गई फेसलेस एसेसमेंट योजना में ही सेंधमारी हो गई। आयकर विभाग के अधिकारियों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के बीच मिलीभगत से फेसलेस एसेसमेंट के मामलों का डाटा लीक होने और मामले को सुलझाने के लिए आयकर देने वाले से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है।

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    सीबीआई ने नौ आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज

    आयकर महानिदेशक से मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने नौ आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है, जिनमें पांच सीए, आयकर विभाग के एक डिप्टी कमीश्नर व दो इंस्पेक्टर सहित नौ लोग शामिल हैं। इस मामले में सीबीआइ दिल्ली, मुंबई, थाने, पश्चिम चंपारण (बिहार), बेंगलुरू, कोट्टायम (केरल) में 18 स्थानों पर छापा मारा है।

    ध्यान देने की बात है कि पिछले सालों में केंद्र सरकार ने आयकर विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए फेसलेस एसेसमेंट की योजना शुरू की थी, जिसमें आयकर देने वाले और उनकी आयकर की गणना करने वाले अधिकारी का नाम गुप्त रखा जाता है।

    डाटा लीक कर सीए को देने का आरोप

    आयकर देने वाले और उसकी गणना करने वाले अधिकारी के आमने-आमने नहीं आने के कारण रिश्वत देने या मांगने की आशंका नहीं रहती है। लेकिन दिल्ली के झंडेवाला स्थित कार्यालय में तैनात डिप्टी कमीश्नर विजयेंद्र और मुंबई ब्रांच में तैनात दो इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा और विनायक शर्मा पर कुछ करदाताओं का डाटा लीक कर सीए को देने का आरोप है।

    इसके आधार पर सीए व उसके बिचौलियों ने संबंधित करदाताओं से संपर्क कर उनकी कर देनदारी के मामला निपटाने के एवज में रिश्वत की मांग की। इसमें कई मामले कंपनियों की आयकर में रिफंड से जुड़े बताये जा रहे हैं।

    सीबीआई को मामले की जांच सौंप दिया

    मामले की जानकारी मिलने के बाद आयकर महानिदेशक ने पिछले साल 26 अक्टूबर को सीबीआई को मामले की जांच सौंप दिया। सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा ने तीन महीने की प्रारंभिक जांच के बाद इसमें शामिल आयकर विभाग के अधिकारियों, सीए और बिचौलियों की पहचान की और उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज किया।

    सीबीआई छापे में केस से संबंधित पैसे की लेन-देन के अहम सबूत मिलने का दावा किया है। इसके साथ ही ओरोपियों के ठिकाने से कई डिजिटल व इलेक्ट्रोनिक सबूत भी जब्त किये गए हैं।