अगर दिखाई दें ये लक्षण तो हो सकता है 'ब्रेन ट्यूमर', अनदेखी पड़ सकती है भारी
Brain Tumor Symptoms and Prevention डॉ. मनीष वैश्य ने बताया कि कोविड-19 से बचाव व सावधानी के बीच ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों की अनदेखी कतई न करें। जरूरत है सतर्कता की...
नई दिल्ली। Brain Tumor Symptoms and Prevention: विश्वभर में व्याप्त कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार, स्वास्थ्य विभाग से लेकर हर कोई चिंतित है। इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने जरूरी हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आप किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या की अनदेखी करें। कई बीमारियां इतनी गंभीर होती हैं कि समय रहते उनका उपचार न कराया जाए तो वे प्राणघातक हो सकती हैं। इन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर। जानें क्या कहते है गाजियाबाद वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. मनीष वैश्य।
बढ़ते प्रेशर से हो जाएं सतर्क: कई दिनों से सिरदर्द हो रहा हो, चक्कर आ रहे हों, जी मचलाना और उल्टी की समस्या हो तो समझिए कि आपके मस्तिष्क में प्रेशर बढ़ रहा है। इसकी एक वजह ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। अगर आप पिछले कुछ दिनों से इस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं।
संकेतों से समझें गंभीरता ब्रेन ट्यूमर के कारण शरीर जो संकेत देता है, वे ट्यूमर के आकार, स्थिति और उसके विकास की दर के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इन संकेतों में शामिल हो सकते हैं:
इन जांचों की लें मदद: ब्रेन ट्यूमर का संदेह होने पर डॉक्टर इन जांचों और प्रक्रियाओं का सुझाव दे सकता है-
न्यूरोलॉजिकल एग्जाम इमेजिंग टेस्ट्स: इनमें कंप्यूटराइज टोमोग्रॉफी (सीटी) और पोजीट्रॉन इमिशन टोमोग्रॉफी (पीईटी), बायोप्सी शामिल हैं।
समय रहते उपचार है जरूरी: यह डायग्नोसिस से पता चलता है कि ट्यूमर किस चरण में है इसलिए डायग्नोसिस कराने में देरी न करें। कुछ ट्यूमर इतने घातक होते हैं कि मरीज डायग्नोसिस के 9-12 महीने के अंदर ही दम तोड़ देते हैं। समय पर डायग्नोसिस और उपचार से ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
उपचार के विकल्प: ब्रेन ट्यूमर का उपचार इसके प्रकार, आकार और स्थिति पर निर्भर करता है, इसके साथ ही आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और आपकी प्राथमिकता का भी ध्यान रखा जाता है। इसमें सर्जरी व कुछ थेरेपी की मदद ली जाती है:
सर्जरी: अगर ब्रेन ट्यूमर ऐसे स्थान पर है, जहां ऑपरेशन संभव है, तो सर्जरी का विकल्प चुना जाता है। जब ट्यूमर मस्तिष्क के संवेदनशील भाग में होता है तो सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है। ऐसे में सर्जरी के द्वारा उतना ट्यूमर निकाल दिया जाएगा जितना ऑपरेशन सुरक्षित होता है। इससे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी में शक्तिशाली रसायनों का उपयोग किया जाता है जो प्रोटीन या डीएनए को प्रभावित करके कोशिका विभाजन में हस्तक्षेप करते हैं, जिससे कैंसरग्रस्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाईएनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का इस्तेमाल किया जाता है।
टारगेट थेरेपी: इसमें सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इसके साइड इफेक्ट भी कम होते हैं।
रेडियो सर्जरी: इसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकों जैसे गामा नाइफ या लीनियर एक्सेलेटर आदि का इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्जरी ब्रेन ट्यूमर का अत्याधुनिक उपचार है, जो एक ही सिटिंग में हो जाता है और अधिकतर मामलों में मरीज उसी दिन घर जा सकता है।
बरतें अतिरिक्त सावधानी: पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अनुसार, जो लोग पहले से ही शरीर के किसी भी भाग के कैंसर से जूझ रहे हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा स्वस्थ लोगों की तुलना में कई गुना अधिक हो जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, जो लोग कैंसर का उपचार करा रहे हैं, विशेषकर कीमोथेरेपी, उनमें संक्रमण की आशंका अधिक होती है, क्योंकि कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली ड्रग्स इम्यून तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं इसलिए जरूरी है कि ऐसे लोग कोविड-19 से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें।
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