दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई देशों से चल रही बातचीत, बोले पीयूष गोयल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए चिली और पेरू जैसे देशों से व्यापार समझौते कर रही है। घरेलू खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है और स्टार्टअप्स को भी शामिल किया जा रहा है। चीन के निर्यात प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति चेन में विविधता लाना आवश्यक है। सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना भी शुरू की है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि सरकार दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति को सुधारने के लिए विभिन्न उपायों पर कार्य कर रही है। इनमें चिली और पेरू के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत, घरेलू खनन को बढ़ावा देना और रिसाइकिलिंग व प्रोसेसिंग में स्टार्टअप्स को शामिल करना शामिल है।
दुर्लभ खनिज जैसे तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक कच्चे माल हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रानिक सामान से लेकर लड़ाकू जेट तक में किया जाता है। ये खनिज तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों- जैसे इलेक्टि्रक वाहनों और बैटरी निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चिली, पेरू और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में इन खनिजों के बड़े भंडार हैं।
चिली, पेरू से व्यापार समझौते पर बातचीत
भारत ने पहले से ही आस्ट्रेलिया के साथ एक व्यापार समझौता लागू किया है। अब चिली और पेरू के साथ बातचीत कर रहा है। भारतीय टीम अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए इन दोनों देशों का दौरा कर रही है। चीन इन दुर्लभ खनिजों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और उसने इन खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने उद्योगों को सलाह दी कि उन्हें अपनी सप्लाई चेन में विविधता लानी चाहिए, क्योंकि किसी एक देश पर निर्भरता समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
घरेलू खनन को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि हमें अपनी सभी सप्लाई चेन का आकलन करना चाहिए। गोयल ने बताया कि सरकार स्टार्टअप्स के लिए हाल ही में घोषित 10 हजार करोड़ रुपये की फंड आफ फंड्स योजना के दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। यह योजना निर्माण और उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर केंद्रित है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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