Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Book Review: बुद्ध तुम लौट आओ- बुद्ध की जीवनगाथा, उनकी शिक्षाओं को गहराई से जानने में उपयोगी

    By Shashank PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 25 Jul 2021 11:23 AM (IST)

    साहित्यकार दिनकर जोशी की लेखनी ने राजकुमार सिद्धार्थ के बुद्ध बनने की गाथा को जीवंत कर दिया है। गुजराती में लिखे उनके उपन्यास प्रश्नों पर पूर्णविराम का हिंदी अनुवाद है बुद्ध तुम लौट आओ। उन्हें गहराई से जानने के लिए यह पुस्तक उपयोगी है।

    Hero Image
    बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं केंद्रित पुस्तक।(फोटो: दैनिक जागरण)

    अरुण सिंह। कुछ प्रश्नों को लेकर कई दिनों से कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ के मन में उथल-पुथल चल रही थी। एक दिन अचानक गहरी नींद में सोई पत्नी यशोधरा और नवजात पुत्र राहुल को पीछे छोड़कर वह इन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए महल से निकल पड़े। ये कौन-से प्रश्न थे और सिद्धार्थ को इनके जवाब कहां और कैसे मिले? यह बताते हुए साहित्यकार दिनकर जोशी की लेखनी ने राजकुमार सिद्धार्थ के बुद्ध बनने की गाथा को जीवंत कर दिया है। गुजराती में लिखे उनके उपन्यास 'प्रश्नों पर पूर्णविराम' का हिंदी अनुवाद है 'बुद्ध तुम लौट आओ'।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुद्ध का संबंध इतिहास से है। उनकी समयावधि ईसा पूर्व पांचवीं सदी होने में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि जाने-अनजाने ही इस महान दार्शनिक के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। यह इतिहास की बड़ी विडंबना है कि जिस भूमि में बुद्ध ने सर्वप्रथम बुद्धत्व के प्रकाश को प्रसारित किया, उसी भूमि से बौद्ध पंथ और स्वयं बुद्ध भी लगभग अदृश्य हो गए। ऐसा क्यों हुआ, यह शोध का विषय है।

    वैश्विक इतिहास में बुद्ध ही ऐसे पहले मनुष्य कहे जाते हैं, जिन्होंने समूची मानव जाति के दुख निवारण हेतु और जीवन-मरण जैसे सृष्टि के रहस्यों को खोलने के लिए स्वयं को समॢपत कर दिया। पुस्तक में बुद्ध के साथ ही उनके समकालीन ऐेतिहासिक चरित्रों का भी रोचक वर्णन है, मगध के राजा बिंबिसार व उनका महत्वाकांक्षी पुत्र अजातशत्रु, कोशल नरेश प्रसेनजित और वैशाली की नगरवधू आम्रपाली इनमें शामिल हैं। श्रावस्ती के राजपुरोहित के पुत्र अहिंसक की रोचक कथा भी इसमें है, जो तक्षशिला जैसे गौरवशाली अध्ययन केंद्र में विद्याभ्यास के बाद हत्यारा अंगुलिमाल बन गया था।

    गृहत्याग के आठ वर्ष बाद जब राजकुमार सिद्धार्थ बुद्ध बनकर कपिलवस्तु लौटे तो यशोधरा ने उनसे क्या प्रश्न किए? यशोधरा ने पुत्र राहुल का जब पहली बार अपने पिता से परिचय कराया तो दोनों की क्या प्रतिक्रिया थी? बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं को गहराई से जानने के लिए यह पुस्तक उपयोगी है।

    पुस्तक : बुद्ध तुम लौट आओ

    लेखक : दिनकर जोशी

    प्रकाशक : सत्साहित्य प्रकाशन

    मूल्य : 500 रुपये