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    बोम्मई केस के जज ने कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल को जल्द करना चाहिए कार्रवाई

    By Suchi SinhaEdited By:
    Updated: Mon, 13 Feb 2017 11:21 AM (IST)

    उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत ने कहा तमिलनाडु के राज्यपाल को सरकार बनाने का काम जल्द से जल्द काम करना चाहिए। ...और पढ़ें

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    बोम्मई केस के जज ने कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल को जल्द करना चाहिए कार्रवाई

    नई दिल्ली (जेएनएन)। तमिलनाडु में चल रहे राजनीतिक संकट का हल निकालने में हो रही देरी के चलते राज्यपाल सी विद्यासागर राव की आलोचना हो रही है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत ने कहा राज्यपाल को जल्द से जल्द काम करना चाहिए और इस धारणा का निराकरण करें की वह काम कर रहे हैं।

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    न्यायाधीश ने कहा, 'इस मामले में राज्यपाल को दोनों पक्षों को उनके विधायकों के साथ बुलाना चाहिए और विधानसभा में शक्ति परीक्षण का मौका देना चाहिए।

    गौरतलब है कि न्यायाधीश सावंत एस आर बोम्मई बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में नौ न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा थे जिसने इस केस में ऐतिहासिक फैसला दिया था।

    क्या है बोम्मई जजमेंट

    धारा 356 के इसी गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए साल 1994 में 11 मार्च को देश के सर्वोच्च अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया था जिसको बोम्मई जजमेंट के नाम से जाना जाता है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस आर बोम्मई के फोन टेंपिंग मामले में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने बोम्मई सरकार को बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद ये मामला कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसले में कहा, 'किसी भी राज्य सरकार के बहुमत का फैसला राष्ट्रपति भवन की जगह विधानमंडल में होगा। कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले राज्य सरकार को शक्ति परीक्षण का मौका देना होगा।'

    विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए किसे पहला मौका मिलना चाहिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम या फिर अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला को, इस पर जस्टिस सावंत ने कहा, 'पनीरसेल्वम को पहला मौका मिलना चाहिए क्योकि वो पद पर फिलहाल हैं। राज्यपाल को दोनों पक्षो को बुलाना चाहिए और ये पता लगाए कि कौन विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं। दोनों पक्षों को उनके विधायकों के साथ गवर्नर हाउस पर भी बुलाया जा सकता है।'

    अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या राज्यपाल को शशिकला पर चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले सुप्रिम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए, उस पर जस्टिस सावंत ने कहा, 'अगर फैसला जल्द आने वाले है तो उन्हें इंतजार करना चाहिए, पर लंबे समय के लिए नहीं।'

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