सिंधु जल समझौते पर पीएम मोदी ने कहा- साथ नहीं बह सकते खून और पानी
पाकिस्तान के साथ बढ़ती तनातनी के बीच बुलाई गई सिंधु जल समझौते को लेकर समीक्षा बैठक में पीएम के साथ कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआई। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सिंधु जल समझौते को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खून और पानी का बहाव एक साथ नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री के साथ इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस. जयशंकर के साथ ही जल संसाधन सचिव और वरिष्ठ प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी मौजूद थे।
Blood and water cannot flow together: PM tells a meeting on Indus Water Treaty.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2016
सिंधु जल समझौते को लेकर यह समीक्षा बैठक ऐसे समय में की गई है जब कश्मीर के उड़ी में 18 जवान के शहीद होने के बाद लगातार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग चारों तरफ से उठ रही है। उड़ी आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पर लगातार इस बात की मांग जोर पकड़ रही है कि वह पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रद्द करे ताकि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया जा सके।
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सितंबर 1960 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पीएम अयुब खान की तरफ से इस संधि पर दस्तखत किए गए थे। जिसके मुताबिक छह नदियां- व्यास, रवि, सतलुज, सिंधु, चेनाव और झेलम के पानी को दोनों देशों को साझा करना था। सिंधु जल समझौते के मुताबिक, तीन पूर्वी नदियां- व्यास, रावि और सतलुज ये सभी पंजाब से बहती है इन पर भारत का नियंत्रण है। जबकि, संधि के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से बहनेवाली पश्चिमी नदियां- सिंधु, चेनाब और झेलम पर पाकिस्तान का नियंत्रण है।
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